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महापौर और मनपा आयुक्त ढोले ने मनपा स्कूलों में छोटे बच्चो को गुलाब देकर बढ़ाया मनोबल

महापौर और मनपा आयुक्त ढोले ने मनपा स्कूलों में छोटे बच्चो को गुलाब देकर बढ़ाया मनोबल

मीरा भायंदर। मीरा भायंदर मे 15 जून से सभी स्कूल खुल गए मनपा द्वारा संचालित स्कूलों की भी शुरुआत हो गई महापौर और मनपा आयुक्त ने मनपा स्कूलों मे जा कर बच्चो का मनोबल बढ़ाया जो कही ना कही काबिले तारीफ है,जबकि करोना के चलते दो साल लंबे समय के बाद मंगलवार को बच्चो ने मीरा-भायंदर महानगरपालिका के विद्यालय में कदम रखा लेकिन बीना यूनिफॉर्म के यह समझ आता है कि करोना कॉल मे मनपा बच्चो के लिए कुछ नही कर पाई लेकिन मनपा शिक्षण विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी थी। स्कूल खुलने से पहले सभी व्यवस्था करना लेकिन जिस महिला अधिकारी की जिम्मेदारी थी उन्हे काम नही करना था। वह किसी का फोन आने पर बात करने की जुर्रत नही समझती थीं आख़िर ऐसे अधिकारियों की मनपा को क्या जरूरत जो मनपा आयुक्त के सराहनीय कार्यों पर पानी फेर रहे है जबकि मनपा आयुक्त 16 घंटे काम करते है। इनसे भी प्रेरणा नही लेते ऐसे कामचोर अधिकारी मनपा आयुक्त को शिक्षा का स्तर ऊंचा करना है तो किसी सक्षम अधिकारी की नियुक्ति करनी होंगी लोगो को मनपा आयुक्त से काफी उम्मीदें हैं कि मनपा आयुक्त ढोले के रहते अब मनपा स्कूलों के शिक्षा का स्तर बेहतर होगा। अब देखना है मनपा आयुक्त इसे किस तरह से देखते है। इस वर्ष मनपा स्कूलों को 10 वीं तक कर दीया गया है ऊपर से सेमी इंग्लिश स्कूलों की शुरुआत जिसके लिए मनपा आयुक्त  इंग्लिश टिचरो की नियुक्ति भी कर रहे है। काफी सराहनीय सोच मनपा आयुक्त की लेकिन उनके मताहत आने वाले अधिकारी इस पर कितना अमल करते है। यह तो उपर वाला ही जान सकता है क्योंकि मीरा भायंदर मनपा स्कूलों को ग्रहण जो लगा है शिक्षण विभाग के चलते,लेकिन पहले ही दिन अफसोस की बात यह रही कि बच्चे बिना यूनिफार्म में और जूता-मोजा और बैग से महरूम थे।वैसे अतीत को देखे तो किसी साल मीरा-भायंदर महानगरपालिका के विद्यालयों के बच्चों को समय पर यूनिफॉर्म मिला ही नहीं है। अधिकारियों की लापरवाही और काम चोरी के चलते यूनिफॉर्म मिलते-मिलते शैक्षणिक वर्ष खत्म होने को आ जाता है।

मिली जानकारी के अनुसार जबसे शिक्षण अधिकारी का चार्ज प्रियंका भोसले को दिया गया काम कम स्कूलों से उगाही ज्यादा की गई है।  उपायुक्त (शिक्षण) अजित मुठे और सहायक आयुक्त (शिक्षण) प्रियंका भोसले के बीच शीतयुध्द के कारण यूनिफॉर्म खरीदा नहीं जा सका। सूत्रों की बात पर यकीन करें तो लड़ाई मनचाहे ठेकेदार को ठेका दिलाने की है। उसका खामियाजा विद्यार्थियों को भुगतना पड़ा है जिसका नजारा पहले ही दिन महापौर,मनपा आयुक्त,शिक्षण अधिकारी संजय दोंदे और उपयुक्त अजित मुठे,अतिरिक्त आयुक्त पानपट्टे ने देखा। 





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