बिन मौसम बरसात ने ख़राब की नमक की खेती

बिन मौसम बरसात ने ख़राब की नमक की खेती

भायंदर : पिछले दिनों हुई बेमौसम बरसात से भायंदर इलाके में कई जगह पर नमक की खेती ख़राब हो चुकी हैं । इस साल नमक के उत्पादन में कमी  आने की संभावना व्यक्त की गई है। मीरा भायंदर में सैकड़ो नमक की खेतों में पकने वाले लाखो टन नमक के सामने इस साल कई टन नमक की उत्पादन में कमी होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

बिन मौसम की बरसात से नमक की खेती का सीजन दो माह तक के लिए और आगे बढ़ गया है। बिनमौसमी बरसात से शहर के मूर्धा, राई, मोरवा व अन्य जगह में नमक के खेती के कई टन नमक उत्पादन में कमी आ सकती है। नमक के (खेत) को तौकते तूफान के बाद सबसे ज्यादा असर बेमौसम की बरसात से हुआ है नमक की खेती करने वाले लोगो को काफी ज्यादा नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इस साल नमक के उत्पादन में कई टन कि गिरावट होने से नमक की खेती करने वालों के सामने परेशानी उत्पन्न हो गई ।

तौकते तूफान ने पहले ही नमक की खेती करने वाले लोगो की कमर तोड़ कर रख दी थी। अब बिन  मौसम कौ बरसात ने और ज्यादा नुकसान करा दिया। मूर्धा , राई , मोरवा व अन्य इलाके में तैयार हो रहे नमक के बह जाने से काफी नुकसान का सामना नमक की खेती के साथ जुड़े लोगो को करना पड़ा है। नमक के खेतों में पचास प्रतिशत तक मिट्टी की कटान हो चुकी है। नमक का सीजन दो माह देर से  शुरु होगा साथ ही साथ उत्पादन के आधा होने से नमक किसान चिंतित दिख रहे हैं।

महाराष्ट्र के कई जिले में हर वर्ष लाखो टन नमक का उत्पादन होता है व इसमें से बीस प्रतिशत नमक खाने में व अस्सी प्रतिशत नमक अन्य कंपनियों में इस्तेमाल के लिए जाता है। तौकते तूफान के समय नमक के पहले सीजन में नमक किसानों को लाखो रुपए का नुकसान हुआ था। जिले में नमक उद्योग के साथ नमक के काम में लगे नमक श्रमिक जिन्हें स्थानीय भाषा में अगारिया कहते हैं सहित कई हजार परिवार प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार हासिल करते हैं। अब बरसात के बाद फिर से मेड़ बांधने की नौबत आ गई है।

राहत पैकेज देने की मांग

जिले में प्रति वर्ष लाखो टन नमक का उत्पादन होता है। नमक की खेती से जुड़े लोगो ने कहा कि सरकार को नमक किसानों को राहत पैकेज देना चाहिए। 


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