मुफ्त चुनावी वादों की परिभाषा तय करेगा सुप्रीम कोर्ट !

मुफ्त चुनावी वादों की परिभाषा तय करेगा सुप्रीम कोर्ट !

नई दिल्ली । चुनाव में फ्री स्कीम्स के वादों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एनवी रमना ने एक वाकया सुनाया। उन्होंने कहा कि मेरे ससुर किसान हैं और जहां वे रहते हैं, वहां सरकार ने बिजली कनेक्शन देने पर रोक लगा दी थी। इस पर उन्होंने मुझसे पूछा भी कि क्या इसके खिलाफ याचिका दाखिल की जा सकती है ? चुनाव के समय फ्री स्कीम्स की घोषणा को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस एनवी रमना ने की बेंच में सुनवाई हुई।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम यह तय करेंगे कि चुनावी घोषणा में फ्री स्कीम्स क्या है? शनिवार तक सभी पक्षों को रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। मामले में अगली सुनवाई सोमवार यानी 22 अगस्त को होगी। सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने कहा कि क्या हम किसी पॉलिटिकल पार्टी को किसानों को खाद देने से रोक सकते हैं? सबको शिक्षा और स्वास्थ्य देने पर अमल करना सार्वजनिक धन का दुरुपयोग नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को लोगों से वादा करने से नहीं रोका जा सकता। सवाल इस बात का है कि सरकारी धन का किस तरह से इस्तेमाल किया जाए।

 फ्री स्कीम्स का मनरेगा का सबसे बेहतरीन उदाहरण - SC

चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान फ्री स्कीम्स का मनरेगा का सबसे बेहतरीन उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि इस स्कीम्स से लाखों लोगों को रोजगार मिल रहा है, मगर यह वोटर को शायद ही प्रभावित करता है। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि मुफ्त में वाहन देने की घोषणा कल्याणकारी उपायों के रूप में देखा जा सकता है? क्या हम कह सकते हैं कि शिक्षा के लिए मुफ्त कोचिंग फ्री स्कीम्स है?

चुनावों में राजनीतिक दल ऐसे कर रहे मुफ्त के वादे...

UP में कांग्रेस ने घरेलू महिलाओं को 2000 रु. माह देने का वादा किया।

UP में कांग्रेस का 12वीं की छात्रा को स्मार्टफोन देने का वादा।

UP में भाजपा ने 2 करोड़ टैबलेट देने का वादा किया था।

पंजाब विधानसभा चुनाव में आप ने 18 साल से अधिक उम्र की सभी महिलाओं को 1,000 रुपए महीना देने का वादा किया।

पंजाब में अकाली दल ने हर महिला को 2,000 रुपए देने का वादा किया।

गुजरात में आप ने बेरोजगारों को 3000 रु. महीना भत्ता देने का वादा किया। हर परिवार को 300 यूनिट फ्री बिजली का भी वादा।

बिहार में भाजपा ने मुफ्त कोरोना वैक्सीन देने का वादा किया।



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