पालघर जिले में कुत्तों और सांपों ने मचाया तांडव

पालघर जिले में कुत्तों और सांपों ने मचाया तांडव

20 हजार से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा और 4 हजार से ज्यादा लोग सांपों ने काटा

पालघर : पिछले साल पालघर जिले में कुत्तो और सापों ने कई लोगो को अपनी चपेट में ले लिया था हर दिन कोई ना कोई साप या कुत्तो की काटने की खबर सुनी जा रही थी।  ज्ञात हो कि पिछले साल पालघर जिले में 20,000 से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने और 4182 लोगों को सांपों ने काट लिया था।  आने वाले बारिस के मौसम में सांप काफी दिखाई देता हैं इस लिए स्वास्थ्य विभाग ने इलाज लिए पर्याप्त दवाएं उपलब्ध रखी हैं। काटे गए मरीजों की देखभाल और उपचार के लिए जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में दिन-रात सेवाएं उपलब्ध कि जाएगी और स्वास्थ्य कर्मियों को इस संबंध में प्रशिक्षित भी किया गया है। 

46 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र 

पालघर जिले में 12 स्वास्थ्य केंद्र हैं जिनमें 9 ग्रामीण अस्पताल और 3 उप-जिला अस्पताल और जिला परिषद के तहत 46 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र कार्यरत हैं। इन सभी जगहों पर सांप , बिच्छू और कुत्ते के काटने का इलाज किया जाता है। बतादे कि जिले के अधिक मरीज पालघर, जव्हार, वाडा और डहानु तालुका में पाए जाते हैं। पिछले साल 4182 लोगों को सांप ने काटा था और साल 2020-21 में 2912 लोगों को सांप ने अपनी चपेट लिया था।  पिछले साल जव्हार के 5 मरीजों समेत 9 लोगों की सांप के काटने से मौत हो गई थी।

इंजेक्शन की कमी नही

वर्तमान में पालघर जिले में स्वास्थ्य केन्द्रों के अन्तर्गत लगभग 5000 तथा विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 7000 सर्पदंश के टीके उपलब्ध हैं। वहीं जिले में 1500 से ज्यादा लोग बिच्छू के काटने से प्रभावित हो रहे हैं और इनका इलाज करने में सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में सुविधा उपलब्ध  है।  पालघर जिले में वसई, पालघर, वाडा और दहानू तालुका के शहरी क्षेत्रों के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में नगर पंचायत क्षेत्रों में कुत्तों के काटने की अधिक घटनाएं सामने आती हैं । इसी वर्ष 2020-21 में जो कोरोना वायरस से प्रभावित था, कुत्तों द्वारा काटे जाने वालों की संख्या लगभग 15,000 पाई गई। वर्तमान में, स्वास्थ्य केंद्र में 14,000 से अधिक कुत्ते के काटने के इंजेक्शन और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 41,000 से अधिक इंजेक्शन उपलब्ध हैं। सर्पदंश, बिच्छू के काटने वाले मरीजों को इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लाया जाता है और उन्हें सांप के काटने की दवा दी जाती है. यदि जहरीले सांप के कारण रोगी को गंभीर लगता है, तो उसे नजदीकी ग्रामीण अस्पताल में भेज दिया जाता है। गैर विषैले सांप के काटने पर मरीज को कुछ समय के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में देखभाल के लिए भर्ती किया जाता है। कई मामलों में, कोबरा और अन्य विषैली प्रजातियों द्वारा काट लिया गया है और यदि ऐसे रोगी को प्राथमिक उपचार मिलने में देरी होती है, तो रोगी गंभीर रूप से बीमार हो सकता है।स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, कोबरा और कुछ अन्य प्रजातियों के सांप के काटने को मरीजों की मौत से जोड़ा गया है।

सावधानी जरुरी 

स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जहरीले व गैर विषैले सांप के काटने की पहचान व इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से नियमित प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कुत्तों की संख्या सीमित रखने की चुनौती है। जिले में कुत्तों के काटने का प्रचलन शहरी और तटीय क्षेत्रों में अधिक है। जिले के कई तटीय गांवों में जहां तट पर अंतिम संस्कार किया जाता है, यह देखा गया है कि मानव अवशेषों के अवशेषों को कुत्ते खा जाते हैं और हिंसक हो जाते हैं। इस संबंध में नागरिकों को अधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।


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