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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वदेश में डिजाइन की गई और निर्मित फुल-स्पैन लॉन्चिंग इक्विपमेंट-स्ट्रेडल कैरियर तथा गर्डर ट्रांसपोर्टर को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वदेश में डिजाइन की गई और निर्मित फुल-स्पैन लॉन्चिंग इक्विपमेंट-स्ट्रेडल कैरियर तथा गर्डर ट्रांसपोर्टर को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने स्वदेश में ही डिजाइन की गई और निर्मित फुल-स्पैन लॉन्चिंग इक्विपमेंट-स्ट्रेडल कैरियर तथा गर्डर ट्रांसपोर्टर को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इन मशीनों से मुम्बई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल गलियारे में मेहराबदार ढांचे के निर्माण में तेजी आयेगी।

रेल मंत्री ने मियां मोतो शिंगोमंत्रीजापान दूतावास, सुनीत शर्माअध्यक्षरेलवे बोर्ड, सतीश अग्निहोत्रीप्रबंध निदेशकएनएचआरसीएल एवं एस एन सुब्रह्मण्यमकार्यकारी निदेशकलार्सन एवं टूब्रो की उपस्थिति में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये इसका शुभारंभ किया।

उपस्थित लोगों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुये रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के विजन के तहत सरकार भारतीय रेलवे को देश के समावेशी विकास का इंजन बनाने के लिये संकल्पबद्ध है। आज भारतीय रेलवे एक नए आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ रहा है 

उल्लेखनीय है कि मुम्बई-अहमदाबाद हाईस्पीड रेल परियोजना (एमएएचएसआर) के 508 किलोमीटर लंबे मेहराबदार निर्माण के लिये उत्कृष्ट प्रणाली इस्तेमाल की जा रही है। इस निर्माण में फुल-स्पैन लॉन्चिंग प्रणाली (एफएसएलएम) का उपयोग किया जा रहा है। इस प्रौद्योगिकी के जरिये पहले से तैयार पूरी लंबाई वाले गर्डरों को खड़ा किया जाता हैजो बिना जोड़ के पूरे आकार में बने होते हैं। इन्हें दोहरे मेहराबदार ट्रैक के लिये इस्तेमाल किया जाता है। इसकी मदद से निर्माण कार्य में तेजी आती है। बतादे कि आत्मनिर्भर भारत अभियान को ढ़ावा देने के लिये 1100 मीट्रि टन क्षमता वाले एफएसएलएम उपकर को स्वदेशी स्तर पर बनाया गया है। इसका डिजाइन भी यहीं तैयार किया गया है। और इस तरह के 20 लॉन्चिंग उपकरणों की जरूरत गुजरात के वापी और अहमदाबाद के बीच 325 किलोमीटर के मेहराबदार निर्माण के लिये होगी


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