डायबिटीज मरीज हो जाए सावधान,नंगे पांव न चले धुप में
दिल्ली। डॉक्टरों की सलाह मरीजों को खाली पांव नहीं चले तपती धुप में,डायबिटीज के 60 से 65 प्रतिशत मरीजों में होती है न्यूरोपैथी जिसमे आपको न गर्मी,चुभन व सर्दी का एहसास होता है। हालही में दिल्ली के 58 साल के एक शख्स के पैर में छाले पड़ गए। वह अपने परिवार के साथ मथुरा, वृंदावन मंदिर पूजा करने के लिए गए थे। पूजा के दौरान नंगे पैर मंदिर की परिक्रमा करने लगे। नंगे पांव फर्श पर चल रहे थे। लेकिन उन्हें चलने में कोई दिक्कत नहीं हो रही थी। जब वो वापस दिल्ली पहुंचे तो पैर में छाले पड़ गए थे।दो दिन बाद छाले फट गए और उन्हें इसका पता नहीं चला। गंदगी की वजह से उसमें इन्फेक्शन हो गया। जब फीवर हुआ, तब जाकर परिवार के लोगों ने देखा और पता चला कि उनके पैर की यह स्थिति हुईं है। जब वो इलाज के लिए गए, तब डॉक्टर ने बताया कि डायबिटीज की वजह से उन्हें न्यूरोपैथी हो गया है, उनकी संवेदना खत्म हो गई और इस वजह से उन्हें गर्मी और जख्म का पता नहीं चला। डायबिटीज एक्सपर्ट डॉक्टर ए. के झिंगन ने बताया कि यह मरीज 15 साल से डायबिटीज का शिकार है। लम्बे समय से डायबिटीज के मरीज को अक्सर न्यूरोपैथी हो जाती है। न्यूरोपैथी में नर्व की संवेदना चली जाती है। ऐसे मरीज को न तो दर्द का एहसास होता है और न ही चुभन, गर्मी व सर्दी का एहसास होता है। कुछ लोग इतनी गर्मी में पूजा के लिए मंदिरों में जा रहे हैं।अगर डायवियेज के मरीज हैं तो खाली पांव परिक्रमा न करें। तपती गर्मी का पता नहीं चलेगा और आपके पांव में छाले पड़ सकते हैं। आम लोग जिन्हें डायबिटीज नहीं है, उन्हें तो पैर रखते ही पता चल जाएगा कि जमीन तप रही है, लेकिन डायबिटीज वाले को इसका पता नहीं चलता। इसलिए ऐसे मरीज को परिक्रमा नंगे पांव नहीं करना चाहिए।
डॉक्टर झिंगन ने कहा कि डायबिटीज के 60 से 65 प्रतिशत मरीजों में न्यूरोपैथी होती है। कई बार ऐसे लोगों में संवेदना इतनी कम हो जाती है कि पैर से चप्पल खुल जाए तो भी पता नहीं चलता। चप्पल पहनकर सो जाते हैं, पता नहीं चलता। यही नहीं, उन्होंने एक अन्य मरीज का हवाला देते हुए कहा कि जख्म होने पर दर्द का भी एहसास नहीं होता। एक मरीज के पैर में जख्म था, उसमें चींटी लग गया। उन्हें पता नहीं चला। डायबिटीज की वजह से चींटी को उनके जख्म में मीठे की खुशबु आई और वो उसे काटने लगा। इसी प्रकार एक मरीज का पैर चूहा कुतर गया। इसलिए इन लोगों को न केवल अपना शुगर कंट्रोल में रखना चाहिए, बल्कि सचेत भी रहना चाहिए।