चालक नींद पूरी करता रहा और यात्री ढाई घंटे करते रहे ट्रेन का इंतजार

चालक नींद पूरी करता रहा और यात्री ढाई घंटे करते रहे ट्रेन का इंतजार

शाहजहांपुर। भूख न जाने जूठा भात, नींद न जाने टूटी खाट..। यह पंक्ति जिसने भी कही है, पूरी तरह सत्य है। दरअसल इसी तरह की नींद ने जब एक ट्रेन चालक को अपने शिकंजे में कसा तो वह साफ ट्रेन चलाने से इंकार कर दिया और वह अपनी नींद पूरी किया, तब जाकर ट्रेन चलाने आया। इससे ढाई घंटे यात्री ट्रेन चलने का इंतजार करते नजर आए। चालक का साफ कहना था कि मेरी नींद पूरी नहीं हुई है हम ट्रेन नहीं चला सकते हैं।  
 गौरतलब हो कि   यह ट्रेन शाहजहांपुर से सुबह सात बजे रवाना होनी थी, लेकिन चालक के नींद पूरी करने के कारण ९:३० बजे तक ट्रेन शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पर ही खड़ी रही, जब चालक की नींद पूरी हुई, तब वह ट्रेन चलाने आया और यहां से रोजा लेकर गया। रोजा से दूसरा चालक ट्रेन को बालामऊ के लिए लेकर गया। इस घटना को जिसने भी सुना वह सकते में रहा। दरअसल बालामऊ पैसेंजर बीते गुरुवार को साढ़े तीन घंटे देरी से रात करीब एक बजे यू.पी. के शाहजहांपुर रेलवे स्टेशन पहुंची। बालामऊ से जो ड्राइवर ट्रेन लेकर आया था, उसे ही सुबह यह ट्रेन बालामऊ लेकर जानी थी। हालांकि रात को इतनी देर से आने के कारण चालक की नींद पूरी नहीं हुई तो उसने शुक्रवार सुबह ट्रेन ले जाने से मना कर दिया। उसने कहा कि जब उसकी नींद पूरी हो जाएगी, तब ही वह ट्रेन लेकर जाएगा।



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