
सुप्रीम कोर्ट ने अशोक शर्मा व अन्य को जारी किया नोटिस
सुप्रीम कोर्ट ने अशोक शर्मा व अन्य को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली। डब्ल्यूसीआरएमएस संगठन के साथ गद्दारी करते हुए रेल कर्मचारियों द्वारा दिए गए चंदे के पैसे को करीब ७६.५० लाख रुपये पूर्व महामंत्री अशोक शर्मा ने अपने लालची साथियों की मदद से बैंक खाते से चंदे का पैसा गबन किया। इस खाते से संबंधित बैंक स्टेटमेंट से पता चला कि १६ सितंबर से ६ अक्टूबर के बीच में अध्यक्ष आरपी भटनागर या वर्किंग कमेटी की बिना जानकारी के ७६ लाख ५० हजार रुपए पूर्व महासचिव अशोक शर्मा और कोषाध्यक्ष अनुज तिवारी ने विभिन्न खातों में चेक के माध्यम से ट्रांसफर कर निकाल लिए और यह पैसा उनके कार्यालय में कार्यरत कर्मचारियों के नाम ट्रांसफर कर लिया गया था और कई लाख रूपये चौकसी नामक व्यक्ति को कैश दिया। साथ ही अध्यक्ष द्वारा कार्यवाही होने के डर से गलत तरीके से बीते शनिवार सात अक्टूबर को अशोक शर्मा द्वारा गलत कार्यकारिणी में कार्यकारिणी सदस्यों को अंधेरे में रख कर खुद संस्थापक-अध्यक्ष डॉ.भटनागर को पद से हटाने का प्रयास किया। इस गबन के मामले में पर डब्ल्यूसीआरएमएस के संस्थापक-अध्यक्ष डॉ.आर.पी.भटनागर द्वारा मध्य प्रदेश के जबलपुर अंतर्गत आने वाले सिविल थाना तथा ओमती थाना में इस बाबत शिकायत की गयी। इस पर तहकीकात के बाद अशोक शर्मा व अनुज तिवारी, सिया पचौरी, निशा माल्या, ओपी चौकसे सहित अन्य लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, अमानत में ख्यानत और साजिश रचने के प्रकरण में पुलिस ने धारा ४२०, ४०९,१२० बी के तहत पंजीबद्ध किया था। और इन सबके खिलाफ वारंट जारी किया गया। इसके बाद अशोक शर्मा एंड पार्टी के द्वारा जमानत याचिका लगाई गई, जिसे अग्रिम जमानत सत्र न्यायाधीश महोदय ने निरस्त कर दिया था। इधर पुलिस विभाग के जांबाज कर्मचारी अशोक शर्मा और अन्य को गली-गली ढूंढ़ते फिर रहे थे और उधर यह सब समाज से जैसे उपेक्षित व्यक्ति की भांति छुपते-छिपाते यहां-वहां भटकते खुद की जमानत प्राप्त करने के लिए उच्च न्यालय में याचिका प्रस्तुत की थी। जिसे आखिरकार २९/११/२१ को मा. उच्च न्यायालय ने अशोक शर्मा व अन्य की जमानत याचिका मंजूर कर ली थी। उक्त आदेश की चुनौती डब्ल्यूसीआरएमएस के संस्थापक-अध्यक्ष मजदूर मसीहा डॉ.आर.पी.भटनागर द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका इनकी जमानत निरस्त की जाए के साथ प्रस्तुत की गई थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा १०/०१/२२ को याचिका स्वीकार करते हुए अशोक शर्मा सहित इन सभी अभियुक्तों को नोटिस जारी किया गया और अगली सुनवाई १८ फरवरी २०२२ को नियति की गई।
गौरतलब हो कि सर्वोच्च न्यायालय के इस फैसले से सभी रेलकर्मियों में जहां अपार खुशी की लहर है, वहीं सभी का कहना है कि अब मजदूरों का लुटा हुआ पैसा वापस आने की उम्मीद है। आगे भी संगठन के गबन किए गए ७६.५० लाख रुपये की भी रिकवरी होनी तय मानी जा रही है। इस बाबत अध्यक्ष डॉ.आर.पी.भटनागर ने सभी कर्मचारियों को स्वामी विवेकानंद जी की जयंती के दौरान सीआरएमएस की तरफ से मनाए जा कार्यक्रम के मौके पर बधाई देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी ने कहा है कि मरी हुई मछली धारा के साथ बहती है, लेकिन जीवित मछली धारा के विपरीत तैरती है, अगर आप भी जीवित हैं, तो गलत का विरोध करना सीखें।