
भगवान को पेश होने के बाबत समन जारी करने के आदेश पर मद्रास हाई कोर्ट ने जताया आश्चर्य
भगवान को पेश होने के बाबत समन जारी करने के आदेश पर मद्रास हाई कोर्ट ने जताया आश्चर्य
चेन्नई। अपने देश में न्याय व्यवस्था इतनी सख्त है कि जिसका कोई सानी नहीं। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि हाल ही में एक निचली अदालत ने भगवान को अदालत में पेश होने को समन जारी कर दिया। इस पर उच्च न्यायालय भी अचंभे में है। इस घटना के बाद से अपराधियों में भी खलबली का माहौल बन गया है। दरअसल मद्रास हाई कोर्ट ने एक निचली अदालत द्वारा भगवान की प्रतिमा को प्रस्तुत करने का आदेश देने पर पूछा है कि क्या भगवान को अदालत में पेश होने के लिए समन जारी किया जा सकता है? बताया गया है कि कुंभकोणम अदालत ने तिरुपुर जिला स्थित परमासीवन स्वामी मंदिर के अधिकारियों को मूलावर की प्रतिमा को सत्यापन के लिए प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। यह प्रतिमा चोरी हो गई थी और मिलने के बाद इसे आगम नियमों और धार्मिक अनुष्ठान के तहत मंदिर में स्थापित किया गया था। इस पर जस्टिस आर सुरेश कुमार ने कहा कि निचली अदालत को प्रतिमा की वास्तविकता का निरीक्षण और सत्यापन करने के लिए वकील-आयुक्त को नियुक्त करना चाहिए था। जस्टिस कुमार ने भगवान की प्रतिमा को प्रस्तुत करने का आदेश देने के लिए निचली अदालत की खिंचाई भी की। निचली अदालत के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अंतरिम आदेश पारित करते हुए हाई कोर्ट ने यह टिप्पणी की।