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बादलों के बीच से 'मी-17वी5'निकलते वक्त चट्टान से जा टकराया था बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर

बादलों के बीच से 'मी-17वी5'निकलते वक्त चट्टान से जा टकराया था बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर

हेलीकॉप्टर हादसे में सीडीएस रावत समेत १२ लोगों की हुई थी मौत  

देश  देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत के हेलीकॉप्टर क्रैश का रहस्य खुल गया है। गत ८ दिसंबर को सीडीएस रावत,अपमी पत्नी और १२ अन्य सैन्य कर्मियों के साथ हेलीकॉप्टर से वेलिंग्टन(तमिलनाडु) के उड़े थे। दोपहर में  करीब ५००-६०० मीटर की पर उड़ा रहे थे। एक मीडिया रिपोर्ट का दावा है कि हेलीकॉप्टर उस दिन पहाड़ी पर एक रेलवे लाइन के सहारे आगे बढ़ रहा था और तभी चारो तरफ से बादल घिर आए। जांच दल ने पाया कि ऐसे लगता है कि इलाके की जानकारी होने के कारण क्रू ने तेजी से बादलों के घेरे से निकलने का फैसला किया और इसी प्रक्रिया में चॉपर एक खड़ी चट्टान से जा टकराया। सूत्रों ने बताया है कि चूँकि पूरा क्रू 'मास्टर ग्रीन' केटेगरी का था इसलिए उन्हें यह भरोसा था कि वे इससे बहार निकल जाएंगे और शायद इसलिए उस दिन ग्राउंड स्टेशन को कोई डिस्ट्रेस कॉल नहीं की गई,जिससे इमरजेंसी पता चलती। 
सूत्रों नेबताया कि मास्टर ग्रीन केटेगरी तीनो बलों के हेलीकाप्टर बेड़े और परिवहन विमान के बेस्ट पायलटो को दी जाती है क्युकी वे कम दिखने में भी लैंड या प्लेन को टेक ऑफ करने में माहिर होते हैं। जांच दल ने सिफारिश भी की है कि इस घटना को देखते हुए भविष्य में इस तरह के क्रू में मास्टर ग्रीन के साथ अन्य कैटेगरी के पायलटो को भी शामिल किया जाए,जिससे वे ग्राउंड स्टेशनों से मदद मांग सकें। 
हालांकि, वायुसेना की तरफ से रिपोर्ट को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक, क्रैश के कारणों की जांच कर रही कमेटी ने पाया है कि खराब मौसम के चलते पायलट 'डिसओरिएंट' हो गए होंगे, जिसके चलते हादसा हुआ. तकनीकी भाषा में इसे सीएफआईटी यानि ‘कंट्रोल्ड फ्लाइट इंटू टेरेन’ कहते हैं.  वायुसेना (Air Force) की ट्रेनिंग कमान के कमांडिंग इन चीफ, एयर मार्शल मानवेंद्र सिंह के नेतृत्व में रक्षा मंत्रालय  ने एक ट्राई-सर्विस इंक्वायरी के आदेश दिए थे, जो दुर्घटना के कारणों का पता लगाने में जुटी है। 
  


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