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काशी महाकाल एक्सप्रेस का घटा किराया

काशी महाकाल एक्सप्रेस का घटा किराया

मुंबई। भगवान महाकाल का सच्चे मन से पूजन करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान शंकर को मृत्युलोक के देवता माना जाता है, इसलिए वो अवतार न होते हुए स्वयं साक्षात ईश्वर है और कालों के काल होने के कारण उन्हें महाकाल कहा जाता है, जिसका न आरम्भ है न ही अंत है। ऐसे महादेव का दर्शन करने वालों के लिए रेलवे की तरफ से तोहफा मिला है। दरअसल काशी धाम से महाकाल की यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए रेलवे प्रशासन ने महाकाल एक्सप्रेस को हफ्ते में दो दिन चलाने का फैसला लिया है। यात्रियों की सुविधा को देखते हुए रेलवे ने दो दिन महाकाल एक्सप्रेस चलाने की घोषणा की है।  आईआरसीटीसी द्वारा रेलवे को सौंपी गई काशी महाकाल एक्सप्रेस का संचालन अब से हर रविवार को होगा।
गौरतलब हो कि रेलवे प्रशासन ने इस ट्रेन का शेड्यूल भी जारी कर दिया है। रेलवे ने महाकाल एक्सप्रेस का किराया भी कम कर दिया है। बता दें, प्रयागराज से पहले जो किराया १७६५ रुपये था, वो अब घटकर १३२० रुपये हो गया है। यह ट्रेन हफ्ते में दो दिन काशी से लखनऊ और एक दिन प्रयागराज से होते हुए संचालित होगी। रेलवे प्रशासन ने पिछले हफ्ते ही काशी महाकाल ट्रेन की समय सूची जारी कर दी थी। २१ नवंबर से हर रविवार काशी महाकाल एक्सप्रेस का प्रयागराज जंक्शन के रास्ते संचालन शुरू होग गया है। गाड़ी नंबर ८२४०३ वाराणसी से दोपहर ३.१५ बजे स्टेशन से रवाना होगी, जो शाम ५:०० से ६:०० बजे तक प्रयागराज पहुंच जाएगी।
ज्ञात हो कि बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी से चलने वाली यह ट्रेन कानपुर, झांसी, बीना, संत हिरदाराम नगर के रास्ते होते हुए सोमवार की सुबह ७:०० से ७:३० बजे के बीच महाकालेश्वर की नगरी यानी उज्जैन पहुंचेगी। इसके बाद यह ट्रेन इंदौर रवाना होगी। इसी तरह वापसी में इंदौर से गाड़ी संख्या ८२४०४ सोमवार १०:१५ बजे चलकर रात १:२५-१:३० बजे प्रयागराज जंक्शन और सुबह ४.०० बजे वाराणसी पहुंच जाएगी। बता दें काशी महाकाल एक्सप्रेस में १२ कोच हैं, जिसमें एसी थ्री के नौ, दो एसएलआर और एक कोच पैंट्री कार का रखा गया है।

२०२० में शुरू हुई थी यह ट्रेन

वर्ष २०२० में काशी महाकाल एक्सप्रेस शुरुआत हुई थी। उस वक्त इस ट्रेन की जिम्मेदारी आईआरसीटीसी के पास थी। उस दौरान प्रयागराज से उज्जैन का किराया करीब १५९० और इंदौर का १७६५ रुपये निर्धारित किया गया था, लेकिन आईआरसीटीसी द्वारा हाथ पीछे खींच लेने के बाद अब इस ट्रेन के संचालन की जिम्मेदारी रेलवे को मिल गई है। ऐसे में रेलवे ने इस ट्रेन का किराया भी कम कर दिया है।


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