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गैंग्रीन से पीड़ित बुजुर्ग फुटबॉलर का पैर बचाने में डॉक्टर सफल

गैंग्रीन से पीड़ित बुजुर्ग फुटबॉलर का पैर बचाने में डॉक्टर सफल


मिरारोड के वोक्खार्ट अस्पताल में हुआ सफल इलाज

मिरारोड - मिरारोड के वोक्खार्ट अस्पताल के डॉक्टरों ने परिधीय संवहनी रोग (पीवीडी) से पीड़ित एक बुजुर्ग फुटबॉलर के पैर को बचाने में सफलता हासिल की है। इस बिमारी के कारण मरीज के पैरों में रक्त वाहिकाओं को संकुचित कर दिया था। पैर में संक्रमण और गैगिंग होने के कारण मरीज का पैर बचाना जरूरी था। ऐसे में डॉक्टर ने तुरंत इलाज करके मरीज के पैर को बचाकर उन्हें नई जिंदगी दी है। अब वह फुटबालर फिर से खेलना शुरू कर सकता हैं।

मिरारोड के वोक्खार्ट अस्पताल में वरिष्ठ सलाहकार न्यूरो और पेरिफेरल इंटरवेंशनल रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अमित साहू के मार्गदर्शन में अन्य डॉक्टरों की एक टीम ने यह सफल इलाज किया है।

बॉस्को एक सक्रिय फुटबॉल खिलाडी हैं। पिछले कई सालों से वह मधुमेह से पिडीत होने के कारण दवाई ले रहे थे। खेलते समय उनके बाएं पैर में घाव हुआ था। मधुमेह होने के कारण वह ठिक नहीं हो रहा था। पैर में अचानक सूजन और दर्द होनेपर वह वोक्खार्ट अस्पताल आए। वैद्यकीय जाचं में पैर में गॅंगरीन होने का पता चला। पैरों में संक्रमित को नियंत्रत करने के लिए संक्रमित ऊतक को हटाया गया। सलाहकार प्लास्टिक सर्जन डॉ प्रताप नादर द्वारा यह इलाज किया गया हैं।

कलर डॉपलर सोनोग्राफी और पेरिफेरल एंजियोग्राफी में पता चला कीमरीज पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज (पीवीडी) बिमारी से पिडीत है।  जिससे रक्त वाहिकाओं (धमनियों) में गंभीर रुकावट पैदा हो गईजिसमें पैर को रक्त की आपूर्ति करने वाली कोई बड़ी रक्त वाहिका नहीं थी। पैर में खराब रक्त प्रवाह के कारणउसे खतरा था। घाव ठीक नहीं हो रहा है। पैर में संक्रमण बढने के कारण कई बार पैर काटने की आवश्यकता होती है।

मीरारोड वोक्खार्ट अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट न्यूरो अँण्ड पेरिफेरल इंटरवेंशनल  रेडियोलॉजिस्ट डॉ. अमित साहू ने कहॉं की, पेरिफेरल वॉस्क्युलर डिजीज मधुमेह मरीजों मे एक रक्त परिसंचरण विकार है। जो शरीर के सभी हिस्सों में रक्त की आपूर्ति करती है। मधुमेह से पिडीत होने के कारण उन्हें इस बिमारी का खतरा अधिक था। इस बिमारी में हृदय के बाहर किसी भी रक्त वाहिकाओं का संकुचन होता हैजैसे पैरहाथमस्तिष्क और गुर्दे को रक्त की आपूर्ति करने वाले। पीवीडी वाले मरीजों पैरों में दर्दचलने दिक्कत होनासुन्नता और गॅंगरीन की समस्या होती है। इस मरीज को पैर में संक्रमण के साथ पीवीडी था जो तेजी से बढ़ रहा था। उनमें एक ओपन सर्जिकल वैस्कुलर बाईपास संभव नहीं था। इसलिएइन्हें खोलने और पैर में रक्त के प्रवाह में सुधार करने के लिए कई अवरुद्ध वाहिकाओं पर एक जटिल परिधीय एंजियोप्लास्टी प्रक्रिया की गई।

साहू ने आगे कहा "प्रक्रिया के दौरान मरीज को स्थानिक एनेस्थीसिया दिया गया। यह सर्जरी डेढ घंटे तक चली। घाव का संक्रमण ठीक हो जाने पर मरीज को कुछ दिनों बाद छुट्टी दे दी गई।"

मरीज बॉस्को ने कहॉं की, “फुटबॉल खेलते समय बाएं पैर में घाव हुआ था। पर मैंने ध्यान नहीं दिया क्योंकि मुझे लगा कि ठिक हो जाएगा। कुछ दिनों के बादपैरों में सूजन और मवाद निकलने लगा। घाव ठिक नही होने के कारण में घाबरा गया था। मैं अपने दैनिक काम आसानी से नहीं कर पाता था और मुझे फुटबॉल खेलना भी बंद करना पड़ा था। मधुमेह के कारण पेरिफेरल वैस्कुलर डिजीज के वजह से घाव ठीक नहीं हो रहा था। लेकिन वोक्खार्ट अस्पताल के डॉक्टरोंनों किए इलाज के कारण मेरे घाव ठिक हो रहा हैं। डॉक्टरोंने मुझे नई जिंदगी लेने के लिए उनको मैं धन्यवाद देता हूँ।

 


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