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महाराष्ट्र बंद का जनता को रहा मात्र गम ही गम

महाराष्ट्र बंद का जनता को रहा मात्र गम ही गम

मुंबई। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के लखीमपुरम में हुए हिंसा में ४ किसानों सहित ८ लोगों की मौत हो गई थी। इसका दुख पूरे देश में जताया जा रहा है। इस पर विपक्ष द्वारा भाजपा को घेरते हुए कई विरोध कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में महाराष्ट्र सरकार द्वारा पिछले दिनों ११ अक्टूबर को (आज) राज्य बंद करने का आह्वान किया गया था। साथ ही यह भी आशा दिलाई गई थी कि बंदी पूरी तरह शांतिपूर्ण तरीके से की जाएगी, लेकिन दुर्भाग्य रहा कि ऐसा पूरी तरह से न हो सका। हिंसा की कई घटनाएं पूरे राज्य से उभर कर सामने निकल आर्इं। ज्यादा से ज्याद लोग भी परेशान नजर आए। चाहे वह व्यापारी वर्ग रहा हो या नौकरी करने वाला। लोगों को ट्रेनोें में जहां सबको चलने की इजाजत नहीं मिली है, वहीं बेस्ट की नौ बसों को शिकार बनाए जाने के बाद यह यातायात भी सेवा करीब-करीब बंद रही, जिसके कारण लोग दुकान या नौकरी करने से महरूम रह गए। यह अपेक्षा यहां की सरकार में विराजमान बुद्धिजीवी और सुलझे उच्च पदासीन तीनों पार्टियों के राजनेताओं से यहां की जनता को नहीं था।
गौरतलब हो कि अभी डेढ़ साल के ऊपर से लोग लॉकडाउन के शिकार से खुद ही कोमे के समान बीमारी से लोग अभी गुजर ही रहे थे कि ऐसे में यूपी की इस घटना को लेकर यहां इस राज्य में आज बंद करने का पैâसला सरकार का पूरी तरह से गलत है। ऐसी बातें करता हुआ करी रोड का एक व्यापारी नाम न छापने की शर्त पर कहा कि शिवसेना के सीएम उद्धव जी खुद इतने बुद्धिमान और अपने राज्य की जनता का ख्याल रखने वाले हैं, तो उन्होंने वैâसे दूसरे राज्य के मुद्दे को लेकर इसको राजनीतिक रोटी सेंकने का जरिया महाराष्ट्र बंद करने वाले पैâसले से कर लिया। कहने के लिए तो बंद एक दिन का है, लेकिन गरीब की हालत खराब हो जाएगी। साथ ही उसने कहा कि यही हाल एनसीपी का भी है। उसके मुखिया शरद पवार देश लेबल के राजनेता में गिने जाते हैं, उन्होंने वैâसे अपनी सहमति जता दी।  
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इसी दौरान चंद्रपुर में भाजपा को छोड़ अन्य सभी राजनैतिक दल बन्द अपनी भागीदारी दिखाने का प्रयास कर रहे थे। इसी बीच चंद्रपुर के बल्लारपुर में प्रदर्शनकारियों द्वारा जबरिया दुकानें बंद कराने को लेकर जमकर बवाल किया गया। बताया गया है कि मार्केट में एक दुकानदार को आंदोलनकारियों ने दौड़ा-दौड़ा कर पीटा, क्योंकि युवक जबरिया बंदी का विरोध कर रहा था। बताया जा रहा है कि कांग्रेस, राष्ट्रवादी कांग्रेस और शिवसेना के कार्यकर्ता मिलकर बाजार में सभी दुकानों को बन्द करा रहे थे। उसी दौरान किसी ने एक युवक के खिलाफ आंदोलनकारियों को उकसा दिया, जिसके बाद आंदोलनकारियों ने उस युवक को सड़क पर दौड़ा-दौड़ाकर पीटा। घटना की जानकारी जैसे ही पुलिस को मिली, पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह से युवक को हिंसक भीड़ की चंगुल से बचाया और सुरक्षित स्थान पर ले गये। यही नहीं बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रासंपोर्ट (बेस्ट) की नौ बसों को नुकसान पहुंचाया गया। बेस्ट के प्रवक्ता मनोज वरदे ने मीडिया को बताया कि बीती रात १२ बजे धारावी, मनखुर्द, शिवाजी नगर, ओशिवरा और घाटकोपर इलाके में कुछ लोगों ने चलती हुई बसों पर पत्थर फेंके। मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की सांसद सुप्रिया सुले ने भी इस दौरान सड़क पर आकर बंद में शामिल हुईं और दक्षिण मुंबई में पार्टी कार्यकताओं को संबोधित किया। यहां कुछ स्थानों पर पथराव की घटनाओं के बाद बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांसपोर्ट (बेस्ट) की बस सेवाएं सोमवार को मुंबई में बंद कर दी गईं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। बेस्ट द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि सुबह-सुबह धारावी, मानखुर्द, शिवाजी नगर, चारकोप, ओशिवरा, देवनार और इनऑर्बिट मॉल के पास नौ बसें क्षतिग्रस्त हो गईं, इनमें पट्टे पर किराए पर ली गई एक बस भी शामिल है। बयान में कहा गया, ‘‘बेस्ट प्रशासन ने पुलिस सुरक्षा की मांग की है और स्थिति की समीक्षा के बाद सभी डिपो से बसों का संचालन किया जाएगा।’’ सत्तारूढ़ शिवसेना से संबद्ध बेस्ट कामगार सेना के नेता सुहास सामंत ने बीते रविवार को एक वीडियो क्लिप में सभी बेस्ट कर्मचारियों से बंद का समर्थन करने की अपील की। बेस्ट बसें और कई पारंपरिक ‘काली-पीली कैब’ सड़कों से दूर रहीं, स्थानीय ट्रेनों से आने-जाने के लिए उपनगरीय रेलवे स्टेशनों पर भारी भीड़ थी, जो निर्धारित समय के अनुसार चल रही थीं। महाराष्ट्र की महा विकास आघाड़ी (एमवीए) सरकार में तीनों सहयोगी दलों शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और कांग्रेस ने लोगों से किसानों के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए आधी रात से शुरू हुए बंद का पूरे दिल से समर्थन करने की अपील की थी। सुबह के समय मुंबई और आसपास के इलाकों में आवश्यक वस्तुओं की बिक्री में लगे लोगों को छोड़कर, दुकानें और अन्य व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे। उल्लेखनीय हो कि समाचार एजेंसियों ने पुलिस के हवाले से बताया कि महाराष्ट्र राज्य रिजर्व पुलिस बल (एसआरपीएफ) की तीन कंपनियों, ५०० होमगार्ड और स्थानीय शस्त्र इकाइयों के ७०० जवानों के साथ रणनीतिक बिंदुओं पर हड़ताली भंडार भी तैनात किए गए थे।


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