निजी अस्पतालों की लूट पर अब राज्य सरकार का नियंत्रण
राज्य सरकार ने तय की ब्लैक फंगस के इलाज की दर
मुंबई = कोरोना महामारी से राज्य के लोग परेशान है राज्य सरकार ने इस पर काफी रोक भी लगाई है परन्तु अब राज्य मे ब्लैक फंगस ने लोगो को परेशानी मे डाल दिया है। यह रोग खतरनाक तो है ही साथ मे इसका इलाज भी महंगा है। निजी अस्पतालो द्वारा मरीजो को लुट ने से बचाने के लिए राज्य सरकार अभी से गंभीर हो गयी है और इस बिमारी के इलाज की दरें तय कर दी है ताकी निजी अस्पताल मरीजो से मनमाने तरीके से लुट नही मचा सके। राज्य मे तीन कैटेगरी के आधार पर जिलों को बांटा गया है जिसमे ए कैटेगरी शहर मे सामान्य बेड या आइसोलेशन का प्रतिदिन 4000 रूपये, बी कैटेगरी मे 3000 रूपये व सी कैटेगरी मे 2400 रूपये तय किये गये है। ए कैटेगरी शहरो मे बिना वेंटिलेटर आईसीयू बेड के लिए प्रतिदिन 7500 रूपये, बी कैटेगरी के लिए 5500 और सी कैटेगरी के लिए 4500 रूपये तय किये गये है। ए कैटेगरी शहरो में वेंटिलेटर सहित आईसीयू बेड के लिए प्रतिदिन 9000, बी कैटेगरी के लिए 6700 व सी कैटेगरी के लिए 5400 रूपये तय किये गये है। हर शहर की कैटेगरी के हिसाब से इलाज की दर तय की गयी है। ए कैटेगरी मे मुंबई और आसपास के इलाके पुणे और नागपुर शामिल है। वही बी कैटेगरी मे नासिक, अमरावती, औरंगाबाद, वसई विरार जैसे इलाके है बाकी इलाको को सी कैटेगरी मे रखा गया है। इन तय दरो मे पीपीई किट और महंगी दवाओं को शामिल नही किया गया है। राज्य मे अभी तक इस बिमारी से हजारो लोग प्रभावित हुए है। निजी अस्पतालो पर लगाम कसने के लिए राज्य सरकार द्वारा यह दर तय की गयी है जिससे मरीजो को राहत मिल सके। राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने शुकवार को इस आशय की एक अधिसूचना जारी की है जिसमे बाँम्बे पब्लिक ट्रस्ट अधिनियम 1950 के तहत पंजीकृत सभी धर्मार्थ अस्पतालों को ब्लैक फंगस का इलाज करते समय सरकार द्वारा निधारित शुल्क सीमा का पालन करने के लिए कहा गया है।