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पार्सल न पहुंचने पर रेलवे का चला रिफंड अभियान

पार्सल न पहुंचने पर रेलवे का चला रिफंड अभियान


नई दिल्ली। कोरोना वायरस ने सबकी परिस्थिति पर बट्टा जरूर लगाया। वह चाहे कम हो या ज्याद। इसी तरह भले ही कोरोना काल के दौरान रेलकर्मी सक्रिय रहे, लेकिन कंपनियों द्वारा समय पर माल नहीं पहुंचने के कारण अपना पैसा रिफंड करने की मांग किए थे। अब मजबूरन रेलवे को रिफंड अभियान चलाना पड़ रहा है। इसी तरह कोरोना काल में भारतीय रेलवे की कमाई थम सी गई थी। ऊपर से लदान, पर्सल न भेज पाने की वजह से कंपनियों ने एडवांस में भेजी कई करोड़ की रकम को वापस देने का दावा ठोक दिया। अब एनसीआर के सभी मंडल एक-एक पाई चुका रहे हैं। कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद अब गुड्स शेड और पार्सल बुकिंग का रिफंड शुरू किया है। रेलवे ने स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया नैनी और पनकी की बुकिंग पूरा न कर पाने पर तथा इंडियन पोटाश लिमिटेड, भोपाल का मॉल न पहुंचा पाने पर ६८ लाख रुपये लौटाए हैं।
गौरतलब हो कि कोरोना काल में प्रयागराज मंडल समेत अन्य में लदान और पार्सल की बुकिंग पूरी नहीं की जा सकी थी। सीमेंट, कोयला, लोहा लदान न कर पाने की वजह से रेलवे को सात कंपनियों के भुगतान को वापस करना पड़ा। चूंकि यह कंपनियां एडवांस पेमेंट कर चुकी थीं, ऐसे में अब हिसाब हुआ तो रुपये लौटाने पड़े। प्रयागराज डिवीजन के कानपुर, टूंडला, इटावा आदि में गुड्स ट्रेनों की आवाजाही न होने की वजह से खाद् पदार्थों की डिलीवरी रुकी थी। ऐसे में करीब एक करोड़ रुपये रिफंड करने पड़े। इसी प्रकार दादरी से सीमेंट-सरिया का लदान न होने पर लाखों रुपये वापस लौटाने पड़े। प्रयागराज मंडल के स्टेशनों में जो पार्सल की बुकिंग हो चुकी थी, उसमें कुछ तो बाद में पहुंचाए गए, लेकिन कुछ की बुकिंग कैंसिल कर ग्राहकों को सूचित किया गया था। इससे भी रेलवे को घाटा जरूर आया होगा। 


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