
नाले और नदियों को खुलेआम प्रदूषित कर रही फैक्टियों पर कार्यवाही की मांग
नाले और नदियों को खुलेआम प्रदूषित कर रही फैक्टियों पर कार्यवाही की मांग
एनजीटी द्वारा 280 करोड़ के जुर्माना लगाए जाने के बाद भी नही हो रहा सुधार,और बढ़ा प्रदूषण
पालघर। प्रदूषण का कहर बरपाने के लिए कुख्यात तारापुर औद्योगिक क्षेत्र की फैक्टियों को लेकर अखिल भारतीय मांगेला समाज परिषद की शिकायत के बाद एनजीटी द्वारा 280 करोड़ का जुर्माना लगाए जाने के बाद भी सुधार होता नही दिखाई पड़ रहा है। मछुवारों का आरोप है,कि भारी भरकम जुर्माने के लगाए जाने के बाद फैक्ट्रियो ने दुगुनी रफ्तार से नदी नालों को प्रदुषित करना शुरू कर दिया है। जिससे पानी के स्रोत तो खत्म हो ही रहे है। जमीन भी बंजर हो रही है।
पल भर में खाड़ी हो गई लाल
प्रदूषण कारी फैक्ट्रियो की करतुते अब स्थानीय लोगों की जीविका पर भारी पड़ रही है सातपाटी-मुरबे खाडी में फैक्टियों का रासायनिक पानी छोड़े जाने से पल भर में पूरी खाड़ी का रंग बदलकर लाल हो गया। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि इससे खाड़ी में मछलियों सहित तमाम जलीय जीवों की मौत हो गई। जिससे इसका असर यहां मछलियों को पकड़कर अपनी जीविका चलाने वाले सैकड़ो मछुवारों पर पड़ेगा। प्रदूषण से त्रस्त आ चुके मछुआरों में इस घटना से काफी रोष व्याप्त है।नवापूर के रहने वाले मोतीराम पागधरे,मंगेश निजाई और घनश्याम पागधरे ने अपने खेतों में छोड़े जा रहे प्रदूषित पानी की प्रदूषण नियंत्रण मंडल से कई बार शिकायत की लेकर इस पर कोई कार्यवाही नही की गई।
बतादें कि तारापुर औद्योगिक क्षेत्र के आस-पास के गांवों में बड़ी संख्या में मछुवारे रहते है। जो समुंदर से मछलियों को पकड़कर अपना रोजगार चलाते है।लेकिन फैक्टियों द्वारा बिना ट्रीटमेंट के पानी खाड़ी और नदियों में छोड़े जाने यहां की मछलियां लगातार मर रही है। जिसे लेकर मछुआरों लंबे समय से कार्यवाही की मांग कर रहे है।एनजीटी द्वारा 280 करोड़ के जुर्माना लगाए जाने के बाद भी अगर प्रदूषणकारी फैक्ट्रियो पर लगाम नही कसी जा सकी है।तो हमारे पास अब आंदोलन छेड़ने को छोड़कर अब कोई दूसरा मार्ग नही बचा है। जल्द ही एक जनांदोलन छेड़ा जाएगा।
कुंदन दवणे-सरचिटणीस
अखिल महाराष्ट्र मच्छिमार कृती समिती पालघर