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रेत माफियाओं की खैर नही प्रशासन को मिला टेक्नोलॉजी का सहारा

रेत माफियाओं की खैर नही प्रशासन को मिला टेक्नोलॉजी का सहारा

रेत माफियाओं पर कार्यवाही के लिए बनाया गया मोबाईल एप

शिकायत मिलते ही होगी कार्यवाही

लोग घर बैठे कर सकेंगे शिकायत

पालघर  रेत माफियाओ पर शिकंजा कसने को लेकर शासन गंभीर है। इसके लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। पालघर जिले में अवैध खनन को अंजाम देने वाले माफियाओं पर शिकंजा कसने के लिए अब जिला प्रशासन ने नई पहल शुरु की है। उम्मीद की जा रही है,कि खनन माफियाओं के खिलाफ होने वाली कार्यवाही में टेक्नोलॉजी का साथ मिलने पर प्रशासन को खनन करने वाले माफियाओं को उखाड़ फेंकने में मदद मिलेगी। बता दें कि वैतरणा रेलवे पुल के आस-पास और तटीय क्षेत्र के साथ-साथ नदियों में होने वाले खनन के लिए पालघर के रेत माफिया कुख्यात है। और बार-बार कार्यवाही और करोड़ो के माल की जप्ती के बाद भी ये अपनी करतूतों से बाज नही आ रहे। और चोरी छिपे नदियों और तटीय क्षेत्रों में करोड़ो की रेत खनन कर पर्यावरण को काफी नुकसान पहुँचा रहे है। इसलिए अब इनसे निपटने के लिए प्रशासन ने टेक्नोलॉजी का सहारा लिया है। इस एप का नाम illegal Sand Mining App है। फिलहाल एप को आम लोगों के लिए जारी करने के बाद से रेत माफियाओं में भूचाल आ गया है। क्योंकि रेत माफिया पुलिस व खनिज अफसरों की नजर से तो बच सकते हैं लेकिन आम नागरिक की नजर से बचना नामुमकिन है। वहीं समाजसेवियों ने जिला प्रशासन की पहल की सराहना की है।

अवैध रेत उत्खनन और परिवहन के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए, मोबाइल एप बनाया गया है।  एप को गूगल प्ले स्टोर पर आम लोगों के लिए उपलब्ध करा दिया गया है।  इस एप पर अवैध उत्खनन व बालू के परिवहन की शिकायत मिलने पर शिकायतकर्ता का नाम गुप्त रख तत्काल दोषियों पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।  

डॉक्टर-किरण महाजन-निवासी उपजिलाधिकारी पालघर



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