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पालघर में पहाड़ियों का सीना चीरकर बनाये जायेगे प्रोजेक्ट,विरोध में उतरे आदिवासी

पालघर में पहाड़ियों का सीना चीरकर बनाये जायेगे प्रोजेक्ट,विरोध में उतरे आदिवासी

लोगों का आरोप,खदानों में बेलगाम हुई ब्लास्टिंग

पालघर पालघर में पहाड़ियों का सीना छलनी कर बनाये जाने वाले प्रोजेक्टों के विरोध में आदिवासी उतर कर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे है। ऐसे ही अब मुंबई-वडोदरा एक्सप्रेस-वे के विरोध में अब आदिवासी मैदान में उतर गये है। स्थानीय लोगों ने एक्सप्रेस वे बनाने वाली कंपनी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि खदानों में हो रही बेलगाम ब्लास्टिंग से यहां के लोगो का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। बड़े पैमाने पर की जा रही ब्लास्टिंग को रोका नही गया तो यह जानलेवा साबित होगी।

ग्रामीणों का कहना है,कि यहां हो रहे खनन से प्राकतिक संसाधन तो नष्ट हो ही रहे है। किसानों की फैसले भी बर्बाद हो रही है।

बता दें कि मुंबई-बड़ौदा एक्सप्रेस वे के निर्माण के लिए पालघर में कई खदानें शुरू की गई हैं।  खड़कोली गांव में इस परियोजना को बनाने के लिए शुरू हुई पत्थर की खदान में ब्लास्टिंग से ग्रामीणों में भय का माहौल व्याप्त है। खदान शुरू करने के लिए जारी किये गए अनापत्ति प्रमाण पत्र को लेकर भी ग्रामीणों ने गंभीर सवाल खड़े किए है। और इसे लेकर जांच की मांग की है।

पिछले दिनों ग्रामीणों ने खादान के विरोध में सड़क जामकर प्रदर्शन किया लेकिन पुलिस के हस्ताक्षेप के बाद उन्होंने अपना विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया।

पहाड़ियों को तोड़कर प्राकृतिक नालों को किया गया बंद

खडकोली में एक्सप्रेस-वे के निर्माण के लिए खेतो में खदान लगाकर पत्थरों को तोड़ने का कार्य जारी है। जिसका बुरा असर क्षेत्र के पर्यावरण भी पड़ना तय है। खडकोली गांव के सर्वे नंबर 187,185,177ए, 177बी पर पत्थर उत्खनन का काम शुरू कर दिया गया है और आसपास के प्राकृतिक नाले को भर दिया गया है ग्रामीणों का आरोप है, कि खदान तक जाने का रास्ता वन विभाग की जमीन से होते हुए भी वन विभाग ने अनुमति नहीं ली गई। इस जगह पर बने कुएं को भी नष्ट कर दिया गया है। पत्थर खदान में हो रहे उच्च क्षमता वाले ब्लास्टिंग से ग्रामीणों में भय का माहौल है। खदान में विस्फोट से ग्रामीणों की जान को खतरा होने के कारण ग्रामीणों ने पत्थर की खदान को बंद करने की मांग की है। एक स्थानीय निवासी ने बताया कि खदानों के आसपास गांवों में रहने वालों के लिए मुसीबत का पहाड़ बन गए है। आए दिन खदानों में हो रही ब्लास्टिंग ने आसपास के ग्रामीणों की नींद हराम कर रखी है। इलाके में गूंजती धमाकों की आवाज से सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण पूरी रात इस आशंका में आंखों गुजार देते हैं कि कहीं उनके घर की दीवार दरकने से जानमाल का नुकसान न हो जाए।

खडकोली में उत्खनन का कार्य जीआर इंफ्रास्ट्रक्चर और

बी. एल.अग्रवाल इन्फ्रा कंपनी द्वारा किया जा रहा है। स्थानीय लोगों ने खदानों पर तत्काल पाबंदी लगाए जाने की मांग की है।

खनन से गांव में प्राकृतिक संसाधनों का ह्रास हो रहा है जिसका सीधा बुरा असर क्षेत्र किसानों पर पड़ रहा है। खदानों को जल्द नही बंद किया गया तो क्षेत्र में प्राकृतिक संसाधनों नष्ट होना तय है।

मिलिंद मुदेकर, शिकायतकर्ता ग्रामीण, खडकोली

खडकोली- वसरे ग्राम पंचायत एक पेसा ग्राम पंचायत है। इसलिए यहां कोई भी कार्य करने के लिए ग्रामपंचायत की पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है। यहां चल रहे अंधा धुंध खनन से जल के स्रोत भी नष्ट हो रहे है। लोगों को रात में होने वाली ब्लास्टिंग से भूकंप जैसे झटके महसूस हो रहे है।

 परशुराम चावरे,सामाजिक कार्यकर्ता

मामले की जांच मंडल अधिकारी को सौपी गई है। नियमो के उल्लंघन पर दोषियों पर नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी।

सुनील शिंदे-तहसीलदार पालघर




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