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जलनजीवन मिशन नल से जल तक ही नहीं, महिला सश्क्तिकरण का भी बना अभियान

जलनजीवन मिशन नल से जल तक ही नहीं, महिला सश्क्तिकरण का भी बना अभियान

महिलाएं जांच रही गांवों में पानी की गुणवत्ता, हर पंचायत में 5-5 के समूह में लेंगी वाटर सोर्स के सैंपल

सरकार ने पालघर जिले के लिए 39 करोड़ रुपये की पेयजल आपूर्ति योजना को दी है मंजूरी

किसी से ये बात छिपी नहीं है कि परिवार में पानी की कमी का सबसे गहरा असर महिलाओं पर पड़ता है। भारत की महिलाएं हर साल कई काम के दिनों को तो पानी लाने में ही खर्च करती है, जिसका इस्तेमाल उनकी शिक्षा, हुनर विकास या किसी मानसिक और शारीरिक विकास में हो सकता है।

जब हम ये कहते हैं कि जल ही जीवन है, तो वो यूं ही कहने वाली बात नहीं होती है। बगैर पानी के चाहे उद्योग हों, खेती हो, प्यास हो, स्वच्छता हो, सफाई हो किसी भी जरूरत की तरफ एक कदम नहीं बढ़ाया जा सकता है। पालघर के कई आदिवासी इलाकों में महिलाओं को आज भी एक बाल्टी पानी के लिए घर से काफी दूर जाना पड़ता है। पानी की पहुंच की महत्ता और लोगों की समस्या को बखूबी समझते हुए सीएम उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली राज्य की महाविकास आघाड़ी सरकार ने कोरोना महामारी के बावजूद जल जीवन मिशन का कार्य युद्धस्तर पर जारी रखा और हाल ही में जल जीवन मिशन के तहत पालघर के लिए 39 करोड़ रुपये की पेयजल आपूर्ति योजना को मंजूरी दी है। कई योजनाओं के तहत जिले की 8 तहसीलों के लाखों घरों में पानी के कनेक्शन देकर 2024 तक प्रति व्यक्ति 55 लीटर पानी देने की योजना पर तेजी से कार्य जारी है।

जल जीवन मिशन योजना गांवों में शुद्ध जल की आपूर्ति के लिए लागू की गई है। जिले के 886 राजस्व गांवों में 5-5 महिलाओं के माध्यम से 11727 जलस्रोतों की जांच की जा रही है। जल की शुद्धता की जांच के लिए जिला परिषद द्वारा खरीदी गई किट से जल स्रोत का निरीक्षण किया जा रहा है।


पीढ़ियों से चली आ रही सोच बदल रही महिलाये

इस मिशन का व्यापक उद्देश्य महज नलों की संख्या बढ़ाना नहीं है बल्कि जल जीवन मिशन उद्देश्य महिलाओं के जरिए एक ऐसी माहौल खड़ा करने है जिससे समुदायों खासकर महिलाओं को और सशक्त बनाने के लिए एक विकेंद्रीकृत तंत्र तैयार हो सके। जहां वह अपनी पानी की चिंता खुद जाहिर कर पाएं। आज ग्रामीण क्षेत्र में महिलाएं पीढ़ियों से चली आ रही सोच को बदल रही हैं। यही नहीं वे पानी की गुणवत्ता की जांच करके परिणामों को पोर्टल पर डालने का काम भी कर रही है।

महिलाये रखेंगी शुद्ध पानी की सप्लाई पर नजर

जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अंर्तगत ग्राम पंचायत में महिलाओं की पांच सदस्यीय कमेटी पेयजल की गुणवत्ता पर नजर रखेंगी। इनकी रिपोर्ट के आधार पर गांवों में शुद्ध पेयजल मुहैया कराया जाएगा। 

इन्हें सौंपी जाएगी जांच की जिम्मेदारी

पानी की गुणवत्ता की जांच की जिम्मेदारी एएनएम, आंगनवाड़ी, ग्राम पंचायत सदस्य, शिक्षिका और सक्रिय महिलाओं को सौंपी जाएगी। महिलाओं को पानी की जांच करने का राज्य स्वच्छता पेयजल समिति की ओर से प्रशिक्षण व किट उपलब्ध कराई जाएगी। ग्राम पंचायतों में पानी की जांच मॉनिटिरिंग शासन स्तर पर की जाएगी। जल की जांच की सूचना का सत्यापन कर सहायक नोडल अधिकारी को उपलब्ध कराएगें।

ऐसे हो रही पानी की जांच

पानी के नमूनों को जांच के लिए किट की कांच की एक छोटी सी बोतल में पानी को रखकर सामान्य तापमान पर 48 घंटे तक रखा जाता है। अगर इस बोतल के पानी का रंग जैसा है वैसा ही रहता है तो यह पीने योग्य होता है। और अगर पानी का रंग बदलता है या काला पड़ता है,तो पानी पीने के लिए शुद्ध नही है। रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार आगे की कार्रवाई करेगी।

जल जीवन मिशन के तहत दिए कनेक्शनों में पानी की गुणवत्ता की जांच का जिम्मा स्थानीय महिलाओं को सौंपा गया है। इसके लिए हर गांव में पांच महिलाओं की समिति बनेगी और इन्हें जांच किट के साथ प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। साल में तीन बार पानी की गुणवत्ता आंकी जाएगी। और उसकी रिपोर्ट शासन के माध्यम से सरकार को प्रेषित की जाएगी। उद्देश्य यह है कि ग्रामीणों को आसानी से शुद्ध पेयजल मुहैया हो सके। इसके अलावा पेयजल से जुड़ी समस्याओं का भी समिति समाधान करेगी। इसके साथ ही, स्वयं-सहायता महिलाओं के समूह के जरिए ग्रामीणों को जल संरक्षण, स्वच्छ पेयजल आदि के बारे में जागरूक किया जाएगा।

वैदेही वाढ़न-अध्यक्षा पालघर जिला परिषद

महिलाओं को होगी जल स्रोतों की जानकारी

जलजीवन मिशन के तहत ग्रामीण भाग के प्रत्येक व्यक्ति को स्वच्छ, शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम चल रहा है। उम्मीद है कि गांव की महिलाओं को पानी की गुणवत्ता का प्रशिक्षण देने से उन्हें जल स्रोतों की सही जानकारी मिलेगी और गांव के नागरिकों के स्वास्थ्य के फायदेमंद सिद्ध होगा।

सिद्धाराम सालीमठ,मुख्य कार्यकारी अधिकारी,जिला परिषद पालघर


इस मुहिम से महिलाओं में आत्मविश्वास के साथ ही उनमें अपने व परिवार के स्वास्थ्य को लेकर जागरूकता भी बढ़ेगी। जिले के जनजातीय क्षेत्रों में पानी की समस्या आम है। उस पर भी साफ पानी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। लोग जलस्रोतों पर सुबह से ही जमा हो जाते हैं। इसके बाद पानी लेकर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। साफ पानी मिले इसके लिए सरकार की यह कार्य स्वागत योग्य है।

वैभव संखे- विधानसभा क्षेत्र प्रमुख पालघर- शिवसेना



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