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मच्छरो के खात्मे के लिए छोड़ी गई गप्पी मछलियां

मच्छरो के खात्मे के लिए छोड़ी गई गप्पी मछलियां

लोगों मच्छरों के प्रकोप से बचाएंगी गप्पी मछलियां

कहावत आपने जरूर सुनी होगी कि एक खराब मछली पूरे तालाब को गंदा कर सकती है, लेकिन आज हम इसके ठीक उलट एक ऐसी मछली की बात कर रहे हैं जो लोगों को डेंगू और मलेरिया के डंक से बचा सकती है। इस मछली का नाम गप्पी है और ये मछली सिर्फ डेंगू ही नहीं बल्कि आपको मलेरिया की चपेट में आने से भी बचा सकती है। पालघर में  मच्छरों के बढ़ते प्रकोप से निजात पाने व इन पर नियंत्रण करने के लिए नगरपरिषद ने लार्वा को भोजन बनाने वाली गप्पी मछलियों को पालने का फैसला लिया है। डेंगू व मलेरिया के बढ़ते प्रकोप के मद्देनजर इन रोगों के कारक मच्छरों के नाश हेतु शहर के नालों,गटर व गढ्डों में गप्पी मछलिया छोड़ी जा रही हैं। जिससे मच्छरों को पनपने पहले ही खत्म किया जा सके। डेंगू और मलेरिया के लार्वा मिलते ही ये मछलियां तेजी से उन्हें खाना शुरू कर देती हैं, क्योंकि जितने तेज गति से इन बीमारियों का लार्वा बढ़ता है, उतने ही तेजी से ये मछलियां भी बढ़ती है।

नगरपरिषद लोगों को भी देगी मछलियां

बार-बार दवाओं के छिड़काव के बाद भी जब मच्छरों का प्रकोप कम नही हुआ तो इसके खात्मे के लिए पालघर नगरपरिषद ने अब लोगों का भी सहयोग मांगा है। नगरपरिषद गप्पी मछलियों को खुले पानी मे तो डाल ही रही है। साथ ही लोगों से अपील कर रही है,कि वह इन मछलियों को ले जाकर अपनी बिल्डिंगों की सीवर में डाले। जिससे मच्छरों को खत्म किया जा सके।

गप्पी मछलियों का पसंदीदा भोजन है लार्वा

गप्पी मछली डेंगू और मलेरिया के लार्वा को खाकर उनके प्रजनन को रोकती है। यह मछली एक बार में 100 से 200 बच्चे देती है। जो मच्छर के लार्वा को खा जाएगी। इस मछली का मुख्य भोजन मच्छरों का लार्वा है।

24 घण्टे में चट कर जाती है 100 से 300 लार्वा

गप्पी मछली की सबसे खास बात है कि यह अंडे नहीं देती,बल्कि बच्चे देती है। पानी पर अंडे देने वाले मच्छरों के लार्वा को ही मच्छर पैदा होने से पहले ही यह मछली खा जाएगी और मच्छरों की बढ़ती तादाद पर रोक लगेगी। एक मछली 24 घंटे में 100 से 300 लार्वा खा सकती है। मछलियों की सहायता से मच्छरों के लार्वा को खत्म करने से बीमारियों पर अंकुश लगेगा ।

मच्छरों से फैलने वाली बीमारियों को रोकने के लिए पानी के ठहरने वाली जगहों और खुले पानी में गप्पी मछलियां छोड़ी जा रही है। पानी पर अंडे देने वाले मच्छरों के लार्वा को ही मच्छर पैदा होने से पहले ही यह मछली चट कर जाएगी और मच्छरों की बढ़ती तादाद पर रोक लगेगी।

डॉक्टर उज्ववला काले,नगराध्यक्ष-पालघर नगरपरिषद


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