
पालघर
ओमिक्रोन पर होगा करारा प्रहार,स्वास्थ्य विभाग तैयार
ओमिक्रोन पर होगा करारा प्रहार,स्वास्थ्य विभाग तैयार
ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में भी उपलब्ध करवाई जा रही ऑक्सीजन
पालघर में 86 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के भंडारण की व्यवस्था
कोरोना वायरस की आशंकित तीसरी लहर को लेकर जिले के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों ने इलाज के लिए अभी से ही व्यवस्थाएं शुरू कर दी गई हैं।
कोरोना वायरस के मरीजों को सबसे ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है। कारण, कोरोना वायरस के कारण मरीजों को सांस लेने में परेशानी होती है और ऑक्सीजन के अभाव में मरीजों की मौत भी हो जाती है। इससे निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग सबसे ज्यादा जोर ऑक्सीजन पर ही लगा रहा है। कोरोना की तीसरी लहर से निपटने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों के स्वास्थ्य केंद्रों में भी ऑक्सीजन उपलब्ध करवाई जा रही है।
पालघर के स्वास्थ्य विभाग ने ऑक्सीजन की कमी की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए जिले में 86 मीट्रिक टन ऑक्सीजन के भंडारण की व्यवस्था की है। इस क्षमता को दोगुना कर दिया गया है और सक्रिय होने की प्रक्रिया में है, जिससे 580 मरीजों को ऑक्सीजन मिलेगी। पालघर जिले में ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है। यह ऑक्सीजन बोईसर दहानू, जव्हार वाड़ा, मोखाडा में उपलब्ध कराई गई है।
विक्रमगढ़ रिवेरा अस्पताल ने 11.42 मीट्रिक टन की क्षमता वाला ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक स्थापित किया है, जिसका निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसी तरह बोईसर के टीमा अस्पताल, में 1.4 मीट्रिक टन क्षमता और पालघर ग्रामीण अस्पताल, दहानू उप-मंडल अस्पताल और जव्हार उप जिला अस्पताल में प्रत्येक में 1.1 मीट्रिक टन क्षमता वाली पीएसए परियोजनाएं स्थापित की गई हैं। इसके अलावा, वाडा ग्रामीण अस्पताल और कासा में उप-जिला अस्पताल में 0.37 मीट्रिक टन क्षमता की परियोजनाएं शुरू की गई हैं। वानगांव ग्रामीण अस्पताल और मोखाड़ा ग्रामीण अस्पताल में 0.23 मीट्रिक टन क्षमता ऑक्सीजन परियोजना शुरू की गई है। जिला प्रशासन 560 मरीजों को संबंधित अस्पताल में भर्ती करने की क्षमता में से 297 मरीजों को लिक्विड ऑक्सीजन टैंक के माध्यम से ऑक्सीजन उपलब्ध कराने को तैयार है। जिला प्रशासन ने जानकारी दी है कि निकट भविष्य में कोरोना के संकट की स्थिति में जिले में भरपूर मात्रा में ऑक्सीजन उपलब्ध होगी।
दूसरी कोरोना लहर के दौरान जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में 17 मीट्रिक टन और वसई-विरार नगर निगम क्षेत्र में 42 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की आवश्यकता थी। उस समय, जंबो सिलेंडर और कुछ पीएसए (प्रेशर स्विंग एडॉप्शन) और ऑक्सीजन टैंक के माध्यम से तरल रूप में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जाती थी। हालांकि जिले में कई जगहों पर ऑक्सीजन की कमी देखी गई। इसके समाधान के लिए, जिला प्रशासन ने राज्य सरकार, पीएम केयर, जिला योजना कोष, एसडीआरएफ के साथ-साथ कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कोष से विभिन्न स्थानों पर ऑक्सीजन परियोजनाएं स्थापित करने का कार्य किया है।
ओमिक्रोन वैरियंट से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयार है। जिले में आक्सीजन की जरूरत से डेढ़ सौ गुना ज्यादा ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है।
डॉक्टर दयानंद सूर्यवंशी-जिला स्वास्थ्य अधिकारी पालघर