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पालघर के आदिवासी और दुर्घम भागों में ड्रोन से भेजी गई कोरोना की संजीवनी

पालघर के आदिवासी और दुर्घम भागों में ड्रोन से भेजी गई कोरोना की संजीवनी

महाराष्ट्र में पहली बार ड्रोन के जरिए कोरोना वैक्सीन भेजकर इतिहास रच दिया गया। वैक्सीन पालघर के जव्हार के राजीव गांधी स्टेडियम से झाप प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तक भेजी गई। सड़क रास्ते से दोनों के बीच की दूरी तय करने में करीब घंटे भर का समय लगता है। लेकिन ड्रोन से वैक्सीन 10 मिनट से भी पहले पहुंचा दी गई। ये ड्रोन ऑटोमैटिक मोड में उड़ा और निर्धारित जगह पर आसानी से पहुंचा। ड्रोन के जरिए कोरोना वैक्सीन भेजने की शुरुआत गुरुवार से हुई। दरअसल, जव्हार जैसे पहाड़ी और दुर्गम इलाकों में वैक्सीन ले जाने में हेल्थ वर्कर्स को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन नई तकनीकी से यह काफी आसान हो जाएगा। अधिकारियों ने टेक्निकल स्टाफ को बधाई दी।  आने वाले समय में इमरजेंसी मेडिकल स्थिति में भी लाइफ सेविंग ड्रग्स को इसके जरिए पहुंचाया जा सकता है।


पालघर में 25 लाख लोगो के वैक्सीनेशन का लक्ष्य

पालघर के जिला प्रशासन ने आठ तहसीलों में 25 लाख लाख लोगों के वैक्सीनेशन का लक्ष्य रखा है। लेकिन जव्हार मोखाडा जैसे दुर्घम भागों में वैक्सीन ले जाने में दिक्कतों के साथ ही काफी समय लग रहा है। ग्रामीण क्षेत्रो में अभी बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन देना बाकी है,जिसे देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव प्रदीप व्यास, आयुक्त राधास्वामी, पालघर के जिलाधिकारी माणिक गुरसल के मार्गदर्शन में यह अनोखा उपक्रम शुरू कर अब मुश्किल रास्तों को आसान बनाने को लेकर तकनीक की मदद ली जा रही है।
जिसमें  आईआईएफएल फाउंडेशन और ब्लू इन्फिनिटी इनोवेशन लैब मदद दे रहे है।

दुर्घम भागो में कोरोना वैक्सीन पहुँचने में कई घंटो का समय लग जाता है। और इसके रख रखाव के लिए स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को काफी सतर्क भी रहना पड़ता है। ड्रोन की मदद से वैक्सीन की 300 डोज दुर्गम आबादी तक पहुचाई गई। इस तकनीकि से लोगों के तेजी से टीकाकरण में मदद मिलेगी।
डॉ.प्रदीप व्यास, प्रधान सचिव स्वास्थ्य विभाग


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