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सरकार देगी नारियल के किसानों को भी फसल बीमा योजना का फायदा

सरकार देगी नारियल के किसानों को भी फसल बीमा योजना का फायदा

पालघर जिले के 10 हजार किसानों को होगा लाभ

नारियल के किसानों को मौसम में बदलाव, कुदरती आपदाएं, कीट और बीमारियों का खतरा लगातार बना रहता है। इन तमाम आपदाओं के चलते कभी-कभी नारियल की पूरी खेती चौपट हो जाती है। अब नुकसान से बचाने के लिए सरकार ने बीमा योजना में नारियल के किसानों को भी शामिल करने का फैसला किया है। पालघर के वसई से लेकर दहानू तक लगभग 1600 हेक्टेयर में करीब दस हजार लोग नारियल की खेती करते है। और हजारों की संख्या में मजदूर भी नारियल की खेती में मजदूरी करते है।नारियल का पेड़ 60 से 100 फुट तक ऊंचा होता है। इतनी ऊंचाई पर फल लगने के बाद भी नारियल की खेती को तमाम तरह के खतरे होते हैं। बीते दो-तीन वर्षो से नारियल के पेड़ों पर सफेद कीड़े के लगने की वजह से उन्हें काफी नुकसान हो रहा था। जिससे वह लगातार सरकार से राहत देने की मांग कर रहे थे।

कौन ले सकता है फायदा

इस योजना में ऐसे नारियल के किसानो को शामिल किया जाता है, जिनकी जमीन में पेड़ों की आयु 4-60 वर्ष और लंबे पेड़ (आयु वर्ष 7-60 ) हों और किसान के पास कम से कम 10 फलदार पेड़ होने चाहिए।

50 प्रतिशत बीमा प्रीमियम की राशि नारियल सेंटर बोर्ड भरेगा और 25-25 प्रतिशत प्रीमियम राज्य सरकार और किसान भरेंगे। बीमा प्रीमियम और बीमा राशि तय करने के लिए पेड़ों को दो आयु ग्रुप 4-15 वर्ष तक और 16-60 वर्ष तक, में बांटा गया है। जिस किसान ने नारियल पेड़ का बीमा करवाया है उसके द्वारा बीमा प्रस्‍ताव में पेड़ों की आयु ग्रुपों के बारे में घोषणा करनी होती है। भारतीय कृषि बीमा कंपनी लिमिटेड पॉलिसी का समय समाप्‍त होने से पहले या दावा के भुगतान से पहले किसी भी वक्‍त, तथ्यों का पता करने के लिए बीमा कराए पेड़ों की जांच करा सकती है।


पिछले कई वर्ष से नारियल के पेड़ों में कीट लगने से उत्पादन काफी घट गया है। जिससे नारियल के किसानों को काफी नुकसान हो रहा था। सरकार के फैसले से किसानों को राहत मिलेगी। : - जितेंद्र ठाकुर,किसान


अन्य फसलों की तरह नारियल की खेती को भी फसल बीमा योजना का लाभ दिया जाएगा। इस योजना का फायदा उठाकर किसान अपने नुकसान की काफी हद तक भरपाई कर सकते हैं। :- के.बी.तरकसे-जिला कृषि अधिकारी पालघर


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