पीएम मुद्रा योजना को बैंक अधिकारी लगा रहे पलीता,युवाओ के रौंद रहे सपने
पीएम मुद्रा योजना को बैंक अधिकारी लगा रहे पलीता,युवाओ के रौंद रहे सपने
छोटे कारोबारियों को लोन देने में बैंकों की रुचि नहीं
केन्द्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की गई थी। इसका मकसद छोटे व्यापारियों काे बिजनेस के लिए आर्थिक मदद मुहैया कराना है। योजना के अंतर्गत आवेदक को बगैर किसी गारंटी के बैंक द्वारा लोन दिया जाना है। जिले भर में हजारों आवेदकों ने इसके लिए आवेदन किया, लेकिन बैंकों की हीलाहवाली के चलते उन्हें योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बैंक अफसर किसी न किसी बहाने से लोगों के आवेदन अस्वीकृत कर रहे हैं। नियमानुसार 50 हजार से लेकर 10 लाख रुपए तक की राशि लोन के रूप में बैंकों द्वारा दी जानी चाहिए। इसके लिए किसी प्रकार की गारंटी की आवश्यकता नहीं है। इसके बावजूद बैंकों द्वारा आवेदकों से बतौर गारंटी एफडी सरकारी कमर्चारियों की गारंटी और अन्य दस्तावेज मांगे जा रहे हैं। जब आवेदक दस्तावेज नहीं दे पाता है तो फंड खत्म होने अथवा योजना का लक्ष्य पूरा होने की बात कहकर बैंक अफसर उन्हें लोन नहीं दे रहे हैं। जिससे युवाओ का खुद का व्यापार करने का सपना पूरा नही हो रहा है। एक आवेदक ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वाहन ऋण और घर आदि के ऋण लेने वालों को बैंक जल्द पैसा उपलब्ध करवा रही है,क्योंकि उनसे उन्हें अच्छा ब्याज मिलेगा। मुद्रा योजना के आवेदकों के फार्म को खामियां बता रद्दी की टोकरी में डाल दिया जा रहा है। मुद्रा योजना के तहत पिछले वर्ष करीब दो सौ करोड़ रुपये का लोन दिया गया। लेकिन इस वर्ष सिर्फ 80 करोड़ रुपये ही लोगो मे ऋण के रूप में वितरित किया गया। पालघर आदिवासी बहुल जिला है। और यहां इस योजना से युवाओ को काफी उम्मीदें थी। लेकिन
प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का लाभ पात्र लाभार्थी नहीं ले पाए हैं। बैंक अधिकारियों के अड़ियल रवैये से योजना अपने उद्देश्य से भटक गई है।
छोटे व्यापार के लिए है मुद्रा योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छोटे कुटीर उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना शुरू की है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वर्ष 2015 के बजट में इस योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के फंड और 3 हजार करोड़ रुपए क्रेडिट की घोषणा की थी। योजना के तहत जरूरतमंदों को छोटे व्यापार के लिए 50 हजार रुपए तक का शिशु मुद्रा लोन और मध्यम व्यापार के लिए 50 हजार से पांच लाख रुपए तक का वयस्क मुद्रा लोन देने का प्रावधान है। साथ ही समृद्ध व्यापार के लिए पांच से दस लाख रुपए तक का प्रौढ़ मुद्रा लोन देने की व्यवस्था याेजना में की गई है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह लोन बगैर गारंटी के दिया जाना है।
मुद्रा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए सभी बैंकों के साथ-साथ सरकारी अधिकारियों के साथ संयुक्त बैठकें आयोजित कर इस योजना का लाभ अधिक से अधिक लोगों को उपलब्ध कराने के कड़े निर्देश दिए गए हैं। विक्रांत पाटिल, प्रबंधक, जिला अग्रणी बैंक
वर्ष - लाभार्थी - ऋण राशि (करोड़ में)
2017-18 - 10225 - 87.74
2018-19 - 15271 - 131.26
2019-20 - 14892 - 160.07
2020-21 - 16014 - 209.39
2021-22 - 5127 - 80.28