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नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और पालक मंत्री दादा जी भूसे ने आदिवासियों को समस्या का जल्द हल निकालने का दिया था आश्वशन

नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और पालक मंत्री दादा जी भूसे ने आदिवासियों को समस्या का जल्द हल निकालने का दिया था आश्वशन

40 सालों बाद मिला हक

आदिवासियों के गांवों में आजादी के जश्न जैसा माहौल

सूर्या बांध,धामनी और कावड़ा बांध परियोजना से विस्थापित हुए आदिवासियों को करीब 40 वर्षो बाद न्याय मिला है। लंबी लड़ाई के बाद वनई,चंद्रनगर गांवों में रहने वाले 294 लोगों को उनकी खेती और घर की जमीन का डिजिटल सातबारा सांसद राजेन्द्र गावित और राजस्व अधिकारियों ने सौपा है। सांसद ने ग्रामीणों को आश्वशन दिया कि तेजी से प्रकिया जारी है,जल्द ही बाकी लोगों को भी उनके जमीन के के सातबारा सौंप दिए जाएंगे। जमीन के कागजात मिलते ही आदिवासियों के चेहरे खिल उठे और वह काफी खुश दिख रहे थे। एक ग्रामीण ने बताया कि 40 सालों बाद अपना हक पाकर गांवों में रहने वाले आदिवासियों में आजादी के जश्न जैसा माहौल है।

40 साल पहले परियोजना में विस्थापितों को मिला न्याय

पानी की समस्या से निपटने के लिए सूर्या परियोजना,धामनी और कावड़ा बांध परियोजना करीब 1980 के दशक में शुरू हुई थी। जिससे विस्थापित हुए आदिवासियों को चंद्रनगर, वनई और हनुमान नगर गांव में बसाया गया था। परियोजना में हजारों आदिवासियों की जमीन और घर का अधिग्रहण किया गया। लेकिन आदिवासियों को लाकर जिन गांवों में बसाया गया था। वहां की जमीन के कागज के लिए वह 40 सालों से लड़ाई लड़ रहे थे। आदिवासियों की मांग थी,कि वह जिस जगह पर रह रहे है। उसे चिन्हित कर जमीन और घर का सातबारा उन्हें दिया जाए और चंद्रनगर गाँव को महसूल गांव का दर्जा दिया जाए। हाल ही में संपन्न हुए जिला परिषद के उपचुनाव में नगर विकास मंत्री एकनाथ शिंदे और पालक मंत्री दादा जी भूसे ने एक जनसभा के दौरान आदिवासियों से उनकी जल्द समस्या के निराकरण का वादा भी किया था। जिसके बाद 14 अक्टूबर को पालघर के पालक मंत्री दादा जी भूसे के नेतृत्व में एक बैठक हुई, जिसमें सांसद राजेंद्र गावित, पालघर के जिलाधिकारी माणिक गुरसल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी कार्यकारी अधिकारी सिद्धराम सलीमठ, दहानू की एसडीएम आशिमा मित्तल, पुनर्वास अधिकारी संदीप पवार, तहसीलदार अभिजीत देशमुख और अन्य संबंधित अधिकारियों की एक बैठक हुई जिसमें पुनर्वासन गांवों के प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। संयुक्त बैठक में पालक मंत्री ने दिसंबर महीने तक आदिवासियों की समस्या का हल निकालने के आदेश अधिकारियों को दिए थे। जिसके बाद आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर चंद्रनगर गांव के 294 परियोजना प्रभावित लोगों को उनके घरों और जमीन का डिजिटल सातबारा सांसद राजेन्द्र गावित, जिला परिषद सदस्य जयेंद्र दुबला,पंकज कोरे और दहानू के तहसीलदार अभीजीत देशमुख ने सौंपा।

"चंद्रनगर को महसूल गांव का दर्जा देकर पुनर्वासन होकर आने वाले आदिवासियों को उनके घर और खेती की जमीन का सातबारा उन्हें सौपा जा रहा है। जिसकी प्रकिया दिसंबर तक पूर्ण कर ली जाएगी। ऐसे परिवारों के चौमुखी विकास के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।" - जयेंद्र दुबला-गट नेता शिवसेना, जिला परिषद पालघर


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