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महाराष्ट्र राजमार्ग पुलिस का विशेष उपक्रम

महाराष्ट्र राजमार्ग पुलिस का विशेष उपक्रम

हाईवे पर जख्मियों को जीवनदान दे रहे मृत्युंजय दूत

घायलों को गोल्डन ऑवर में मदद पहुँचाने के कारण कहे जाते है देवदूत 

मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग पर होने वाले हादसों में घायलों की मदद के लिए राजमार्ग पुलिस पुलिस की ओर से नियुक्त किये गए 'मृत्युंजय दूत' लगातार जख्मियों की मदद करने में लगे हुए है। घायलों को मृत्युंजय दूत द्वारा दी गई त्वरित मदद के कारण  सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या में भी कमी आई है क्योंकि दुर्घटना के बाद के महत्वपूर्ण समय (गोल्डन ऑवर) में चिकित्सा उपचार प्रदान किया जा रहा है।  'मृत्युंजय दूत' के सराहनीय कार्यो को देखते हुए लोग इन्हें देवदूत भी कहते है। घोडबंदर से लेकर तलासरी तक करीब 125 लोग मृत्युंजय दूत के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे है। जो हादसे की जानकारी मिलने ही घटना स्थल पर पहुँचते है और जख्मियों को तत्काल अस्पताल पहुँचाने में मदद करते है। इन मृत्युंजय दूतों की तत्परता से घोडबंदर से तलासरी तक हाईवे पर जख्मी हुए सैकड़ो लोगों की जान बचाई गई है। और इसी वर्ष हादसे में जख्मी हुए करीब 150 लोगों को अस्पताल पहुँचाने में मृत्युंजय दूतों ने मदद की है। देश में हर साल राजमार्गों पर सड़क हादसों में करीब डेढ़ लाख लोगों की मौत हो जाती है। हादसों में घायलो को समय से इलाज न मिलने से सबसे ज्यादा मौतें होती हैं।  राजमार्गों पर सीमित संख्या में पुलिस होने के कारण घायलों को तत्काल सहायता प्रदान करने में कई कठिनाइयाँ होती हैं।  इसके चलते अपर पुलिस महानिदेशक डॉ. भूषण कुमार उपाध्याय (यातायात-राजमार्ग) की अवधारणा में 1 मार्च, 2021 से 'मृत्युंजय दूतों ' ने घायलों को सेवाएं देना शुरू की। मॉल, पेट्रोल पंप, ढाबों के कर्मचारी, राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर होटल, ग्रामीणों का एक समूह बनाकर दुर्घटनाओं घायल होने वाले लोगों की मदद के लिए निःशुल्क इनकी सेवाएं ली जा रही है। घायलों को प्राथमिक उपचार कैसे देना है और उन्हें कैसे संभालना है, इस बारे में मृत्युंजय दूत को प्रशिक्षित किया गया है।  इसके अलावा हाईवे पर स्थित अस्पतालों के नाम और उनके कॉन्टैक्ट नंबर के साथ-साथ एंबुलेंस नंबर 108 की लोकेशन की भी अपडेट मृत्युंजय दूतों को दी गई है।

घायलों को तत्काल मदद उपलब्ध करवाने के लिए मृत्युंजय दूतों को प्रक्षिक्षण भी दिया गया है। इसी साल मृत्युंजय दूतों की तत्परता से सैकड़ो घायलों को अस्पताल पहुँचाया गया और करीब 35 से 40 लोगों की जान बचाने में मदद मिली है। : - मृदुला नाईक,वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मुंबई-अहमदाबाद राष्ट्रीय राजमार्ग, डिवीजन ठाणे


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