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पालघर के बाल वैज्ञानिक का कमाल

पालघर के बाल वैज्ञानिक का कमाल

देश में बिजली संकट और कोयले की कमी की खबर सुनकर समुंदर की लहरों से बिजली पैदा करने का किया अविष्कार

पालघर के एक बाल वैज्ञानिक ने देश मे कोयले की कमी और बिजली के संकट की खबर सुनकर समुंदर की लहरों से बिजली पैदा करने का सफल अविष्कार किया है। विरार निवासी 16 वर्षीय हर्ष कुंजन चौधरी अभी 11वी के छात्र है। और वह एक शोधार्थी हैं। हर्ष चौधरी ने 'दोपहर का सामना' से बात करते हुए कहा कि वह इस क्षेत्र में पहले ही प्रयोग कर रहे थे। लेकिन देश में बिजली संकट की खबर सुनकर उन्होंने और तेजी से कार्य करने का प्रण लिया। जिसके बाद हर्ष अपने पिता के साथ बोर्डी में अपनी बुआ के घर आये और उन्होंने यहां के समुंदर के तट पर लहरों से बिजली उत्पादन के लिए 4 मोटरों का उपयोग किया। जिससे 48 बोल्ट डीसी करंट मिला।

डीसी से एसी में इसके रूपांतरण से 240 वोल्ट का बिजली का उत्पादन हुआ। जिसका उपयोग घरेलू उपयोग के लिए किया जाता है। विरार के नेशनल कॉलेज से पढ़ाई शिक्षा लेने वाले हर्ष अभी बोरिवली के एक कॉलेज से पढ़ाई पूरी कर रहे है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता को दिया। हर्ष ने कहा कि उनका स्वप्न है,कि वह भविष्य में इस तरह का बड़ा प्रोजेक्ट खड़ा करें जिसमे कम से कम एक करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। हर्ष ने कहा कि पालघर जिले में लगभग 110 किमी का समुद्र तट और कई छोटी और बड़ी नदियाँ और खाड़ियाँ हैं। जिससे यहां जल के प्रवाह से विद्युत उत्पन्न करने वाली युक्ति लाभकारी सिद्ध होगी। हर्ष चौधरी को अंडर वाटर रोबोटिक्स प्रतियोगिता में चुना गया था। नेहरू साइंस सेंटर, मुंबई में आयोजित नेशनल इनोवेशन फेस्टिवल और मेगा एग्जिबिशन 2020 प्रतियोगिता में हर्ष के प्रोजेक्ट को देश भर की 1000 परियोजनाओं में से 50 चयनित परियोजनाओं में शामिल किया गया था। 


यह प्रयोग बिजली की समस्या को रोकने, पर्यावरण को बचाने और प्राकृतिक जल स्रोतों से स्थानीय स्तर पर बिजली पैदा करने में मदद करेगा।"

हर्ष चौधरी, बालवैज्ञानिक


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