Breaking News

लाल परी के पहिये थमने से पालघर में निजी वाहनों की चांदी

लाल परी के पहिये थमने से पालघर में निजी वाहनों की चांदी

पालघर
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम के कर्मचारियों ने निगम का विलय राज्य सरकार के साथ करने की मांग को लेकर अपनी हड़ताल जारी रखी। महाराष्ट्र की लालपरी कही जाने वाली एसटी बसों के पहिए थमने से पालघर जिले के हजारों यात्रियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। निगम की बसें सड़कों से नदारद हैं और ग्रामीण इलाकों में यात्रा के लिए लोग निजी वाहनों पर निर्भर हैं। एसटी का चक्का जाम होने के कारण यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। पालघर, दहानू तलासरी, विक्रमगढ़, वाडा तालुका में लगभग दो हजार से ढाई हजार डमडम रिक्शा और टैक्सी विभिन्न मार्गों पर चल रही हैं।
एसटी की हड़ताल से लोगों को डमडम रिक्शा से अपना सफर तय करना पड़ रहा है। क्योंकि यात्रा के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं है। पालघर,सातपाटी बोईसर क्षेत्र से रोजाना हजारो लोग सुबह-शाम काम पर जाने के लिए सफर करते है। हड़ताल के बाद इनमें से करीब 60 फीसदी लोगों का अब निजी वाहन ही सहारा रह गए है। दो-तीन चक्कर लगाने वाले रिक्शा चालक अब सात-आठ चक्कर लगाने लगे हैं।आते ही रिक्शा भर जाता है। कोरोना काल मे बदहाली में पहुँचे रिक्शा चालकों के अब अच्छे दिन आ गये है। यही स्थिति अन्य रूटों पर भी है। कोरोना के चलते रिक्शा में सात लोगों से ज्यादा बैठते ही शोर मच जाता था,लेकिन अब दस लोगों को आराम लेकर निजी वाहन जा रहे है। एक यात्री विनीत पाटील ने कहा कि मैं रोजाना एसटी से यात्रा करता था लेकिन एसटी के बंद होने के कारण मुझे डमडम रिक्शा से यात्रा करनी पड़ रही है। रिक्शा का ज्यादा किराया होने अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है।

 
 एसटी बंद है, हमने रिक्शा के किराए में किसी तरह की बढ़ोत्तरी नही की है। रिक्शा चालकों से भी आम यात्रियों की यथासंभव मदद करने का अनुरोध किया गया है। - अरविंद चूरी-सचिव, ऑटो टैक्सी टेंपो चालक मालक सेना


Most Popular News of this Week