
रावण की पूजा का आदिवासी मित्र मंडल ने किया विरोध
रावण की पूजा का आदिवासी मित्र मंडल ने किया विरोध
पर भारत में आदिवासी, खासकर पालघर में श्री राम को अपना देवता मानते हैं। विवाह समारोह में राम-राम कहे बिना सुखी जीवन की शुरुआत नहीं होती। श्री राम के मामले में ऐसे कई प्रमाण दिए जा सकते हैं, हम सभी आदिवासी रावण नहीं श्री राम के वंशज हैं। समाज में भेदभाव पैदा करने वाले कुछ संगठन रावण को आदिवासियों का राजा कहते हैं। यह गलत है। हमारे राम का अपमान करने वाले रावण की पूजा भारतवर्ष में कहीं नहीं होनी चाहिए। पालघर जिले में भी ऐसा नहीं होने देंगे। रावण को दहन ही करना चाहिए। राम का अपमान करने वाले रावण की पूजा नहीं दहन करना चाहिए।
अतः हमारा निवेदन है कि पूरे पालघर जिले में कहीं भी रावण पूजन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, अन्यथा वहां विवाद उत्पन्न हो सकता है।