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नागरिकों की समस्या को अनदेखा कर रही मनपा

नागरिकों की समस्या को अनदेखा कर रही मनपा

भाजपा जिलाउपाध्यक्ष ने कहा - न हो काम तो लगाओ ताला
विरार। वसई-विरार शहर महानगरपालिका में वैसे तो नागरिकों की अनेक समस्याएं है और इनकी शिकायतों की फाइलें धूल फांक रही है। लेकिन मनपा अधिकारियों के लिए उनकी समस्याओं को नजरअंदाज कर उनके सुविधाओं की उपेक्षा की जा रही है। इनमें गटर के खुलें ढक्कन, सड़क पर गड्ढे, रास्तो की दुर्दशा होने की समस्या नागरिकों के लिए आम है। भाजपा जिला उपाध्यक्ष मनोज बारोट ने कहा कि वसई- विरार मनपा के अधिकारी जनता की समस्या को नजरअंदाज करते है, वे सिर्फ अपने लाभ के लिए उच्च पदों पर बैठे लोगों का काम करती है। 

उन्होंने कहा कि वसई विरार कि  लोकसंख्या और भौगोलिक रचना के मुताबिक मनपा को 9 प्रभाग में विभाजित किया गया है. परंतु दुर्भाग्य से मनपा अधिकारी, कर्मचारियों का नागरिको की समस्या पर सदैव दुर्लक्ष्य किया जा रहा है। उदाहरण के तौर पर मनपा क्षेत्र में अनेक जगह पर रास्तों की दुर्दशा, गटर के ढक्कन गायब तो कई ढक्कन टूटे हुई अवस्था में है. फिर भी जबतक नागरिको द्वारा शिकायत दी नही जाती तब तक मनपा अधिकारी और कर्मचारियों का न तो ध्यान ऐसी जगहों पर जाता है न ही मरम्मत का काम भी होता है. इसी कारण छोटे बच्चे, वरिष्ठ नागरिकों को अपनी जान हथेली पर लेकर रास्ते काटने पड़ते है. वसई विरार मनपा क्षेत्र में खुले गटर के ढक्कन के कारण रात्र बेरात्र काम पर आनेजाने वाले नागरिक इजाग्रस्त होते है. इसी तरह हर साल बारिश में खुले ढक्कन के कारण छोटे बच्चे अपनी जान तक गवाते है. इसका ताजा उदाहरण यानी इसी वर्ष जुलाई महीने में एक चार साल के बच्चे का गटर में बह जाने से मृत्यु हुआ था और मेरी जानकारी के मुताबिक आज तक उस बच्चे की खोज तक प्रशासन नही कर पाया है. इस बात का भाजपा जाहीर निषेध व्यक्त करती है. वसई तालुका के नागरिकों की ओर से मनपा आयुक्त को कल बुधवार दिनांक 06 अक्टूबर को लिखित पत्र के माध्यम से विनंती किया है की नागरिकों की समस्या और सुरक्षा का खयाल करते हुए मनपा क्षेत्र के सभी खुले और टूटे हुए ढक्कन तुरंत लगाए जाएं उसके साथ साथ मनपा आयुक्त को नागरिकों की ओर से यह भी बताया गया है की, नागरिकों के टैक्स से नागरीको को सुविधा देने में यदि मनपा प्रशासन असमर्थ है तो मनपा कार्यालय को ताला लगाओ ताकि नागरिकों का टैक्स देना बंद होगा और उसी टैक्स के पैसे से नागरिक आपस में तालमेल कर के खुद ही अपनी अपनी समस्या हल कर लेगी.


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