
एमबीवीवी पुलिस की पहल , नशामुक्ति मार्गदर्शन मिशन' नालासोपारा में शुरू
एमबीवीवी पुलिस की पहल , नशामुक्ति मार्गदर्शन मिशन' नालासोपारा में शुरू
खाकी वर्दी में पुलिस ने अपराध से बचाव के साथ-साथ एक अच्छे अभिभावक की भी भूमिका निभाई है। नाबालिग सहित नागरिक ड्रग्स के आदी हो जाते हैं और धीरे-धीरे अपराध की ओर मुड़ जाते हैं। ऐसे नाबालिग बच्चों को सुधारने और उनके भविष्य को उज्ज्वल करने के लिए मीरा भायंदर वसई विरार आयुक्तालय के तुलिंज पुलिस निरीक्षक राजेन्द्र कांबले ने 'नशामुक्ति मार्गदर्शन मिशन' शुरू किया है। पालघर जिले में पहली बार इस तरह की पहल की जा रही है। नाबालिकों की संगत, अकेलापन, मौज-मस्ती सहित कई कारणों से युवा इसके आदी हो जाते है जो कि शारीरिक, मानसिक, पारिवारिक और सामाजिक बीमारियों को जन्म देता है। इनके व्यसन के कारणों को समझकर इसे दूर किया जा सकता है। इसके लिए परिवार के सदस्य ऐसे व्यक्ति को नशा मुक्ति केंद्र भी भेजते हैं। लॉक डाउन की अवधि के दौरान कई लोग नशीले पदार्थो का सेवन करने लगे। ऐसे युवाओं, नागरिकों को सही रास्ते पर लाने के लिए पुलिस खर्च करने को तैयार है।युवा वर्ग नशे की लत में जा रहा है। जब नशे के लिए पैसे नही मिलते तब यह नशे के लिए चोरी या अन्य तरीकों का इस्तेमाल करते है। जब हम नशे में होते हैं तो हमें पता ही नहीं चलता कि हम क्या करते हैं। ड्रग डीलर भी उन्हें देखते हैं और उन्हें नशे में धकेल देते हैं। युवाओं को नशे से दूर रखने के लिए पुलिस निरीक्षक राजेंद्र कांबले ने नशामुक्ति मार्गदर्शन केंद्र शुरू किया है। पिछले तीन सप्ताह में इस केंद्र के माध्यम से कई लोगों की काउंसलिंग की जा चुकी है। इस पहल को अभिभावकों का भी अच्छा रिस्पोंस मिल रहा है। रिहैबिलिटेशन फाउंडेशन को भी पुलिस से जोड़ा गया है। वसई विरार ने बच्चों के माता-पिता ने पुलिस से आव्हान कर कहा कि हमारे बच्चे नशे की राह पर जा रहे हैं, उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाएं। तुलिंज के वरिष्ठ निरीक्षक राजेंद्र कांबले ने बताया कि युवा नशे की लत लगने के बाद आपराधिक कृत्य करते हैं। उनकी मानसिक स्थिति खराब हो जाती है। युवा भारत का भविष्य हैं, इसलिए उन्हें नशे और अपराध से मुक्ति दिलाने के लिए शिविर लगाए जा रहे हैं। नागरिकों से इस पहल पर प्रतिक्रिया की अपेक्षा की जाती है।