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बिजली विभाग की बड़ी कार्रवाई में पकड़ी गई करोडो रुपये की बिजली चोरी , अन्य बिजली चोरी माफियाओं में मचा हड़कंप

बिजली विभाग की बड़ी कार्रवाई में पकड़ी गई करोडो रुपये की बिजली चोरी , अन्य बिजली चोरी माफियाओं में मचा हड़कंप

वसई ; वसई में अमाफ ग्लास टफ कंपनी ने पिछले 50 महीनों में 6 करोड़ 17 लाख रुपये की बिजली चोरी की है. इस मामले में फैक्ट्री के दो साझेदारों, मकान मालिक और बिजली चोरी की व्यवस्था करने वाले चारों व्यक्ति के खिलाफ बिजली चोरी का मामला दर्ज किया गया है.  ग्राहक के बिजली खपत विश्लेषण द्वारा प्रधान कार्यालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर सुरक्षा एवं प्रवर्तन विभाग के साथ ही मुख्य अभियंता के निर्देशानुसार बड़ी टीम ने यह कार्रवाई की है. आरोपियों में वसई के कामन गांव क्षेत्र के अमाफ ग्लास टफ (फ्लोर नंबर 1, प्लॉट नंबर 3 और 4, यूनिक एस्टेट एंड इंफ्रास्ट्रक्चर, आयशा कंपाउंड के पास, सर्वे नंबर 155) कंपनी के साझेदार व बिजली उपयोगकर्ता अब्दुल्ला आज़ाद हुजेफा व शब्बीर आसिफ हुजेफा, जगह के मालिक प्रफुल्ल गजानन लोखंडे और एक अज्ञात व्यक्ति जो स्थापित बिजली चोरी प्रणाली में शामिल कुल ऐसे चार लोग शामिल है। जाँच के दौरान टीम को संबंधित ग्राहक द्वारा जोड़े गए कनेक्शन से 674.76 किलोवाट कनेक्टेड पावर मिली।  जांच के दौरान, हकीमुद्दीन कुतुबुद्दीन उनवाला व्यक्ति को गतिविधियों को संदिग्ध पाया और आगे की जांच के बाद, उसके पास रिमोट कंट्रोल पाया गया। इस रिमोट कंट्रोल से फैक्ट्री की बिजली की खपत 90 फीसदी तक कम हो गई थी।  रिमोट कंट्रोल सर्किट एक सफेद इलेक्ट्रिक स्विच बोर्ड में नीले, काले और लाल टेप में छिपा हुआ पाया गया। उपभोक्ताओं ने स्वीकार किया कि मीटर के बाहर रिमोट कंट्रोल सर्किट स्थापित करके और हेरफेर करके बिजली चोरी करना बिजली की चोरी माना जाता है।

बिजली चोरी का कोई अपराध न करें : वाशी भरारी दस्ते के अतिरिक्त कार्यकारी अभियंता शशांक सूर्यकांत पंतवने ने फैक्ट्री के खिलाफ जुलाई 2017 से अब तक 6 करोड़ 17 लाख 71 हजार 330 रुपये की 33 लाख 6 हजार 495 यूनिट बिजली चोरी करने की शिकायत दर्ज कराई है.  इसी के तहत आरोपियों के खिलाफ वसई पुलिस स्टेशन में विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138 व 150 के तहत मामला दर्ज किया गया है.  वसई पुलिस ने मामले को आगे की जांच के लिए वालिव पुलिस स्टेशन को भेज दिया है क्योंकि संबंधित कारखाना वालिव पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर है। MSEDCL स्वचालित प्रणाली के माध्यम से ग्राहकों की बिजली खपत की लगातार निगरानी कर रहा है और इस विश्लेषण में पाई गई त्रुटियों पर कड़ी नजर रख रहा है।  इसलिए MSEDCL अपील कर रहा है कि किसी भी तरकीब का इस्तेमाल कर बिजली चोरी का कोई अपराध न करें।

यह टीम ने कार्रवाई की ; कार्यकारी निदेशक कमांडर (नि) शिवाजी इंदलकर, उप संचालक सुमित कुमार, मुख्य अभियंता धनंजय औढ़ेकर के मार्गदर्शन में सहायक उप संचालक सतीश कापडनी, अतिरिक्त कार्यकारी अभियंता शशांक पानतावणे, सहायक अभियंता कपिल गठले, सहायक सुरक्षा और प्रवर्तन अधिकारी सुबोध घाणेकर, मुख्य तकनीशियन शाम शिम्बे, वरिष्ठ तकनीशियन विजय पाटिल की टीम ने यह कार्रवाई की।


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