आघाड़ी सरकार के 25 नेताओं की हटाई दी गई सुरक्षा
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र की शिंदे-फडणवीस सरकार ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लिया. उसने महाविकास अघाड़ी के 15 नेताओं की सुरक्षा हटा दी है. शिंदे सरकार द्वारा नेताओं की सुरक्षा वापस लिए जाने के बाद राजनीतिक माहौल गर्म होने की आशंका है. हालांकि मिलिंद नार्वेकर की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. नार्वेकर को पहले एक्स श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त थी। अब उन्हें वाई प्लस सुरक्षा दी गई है. इसके अलावा जितेंद्र अवध की सुरक्षा बरकरार रखा है. पिछली सरकार में जितेंद्र अवध मंत्री थे, लेकिन उन्हें एमसीए चुनाव में आशीष शेलार का समर्थन मिला। कुल 25 नेताओं की सुरक्षा व्यवस्था या तो हटा दी गई है या कम कर दी गई है। एनसीपी नेताओं अजीत पवार और दिलीप वालसे पाटिल की सुरक्षा को ‘जेड’ श्रेणी से घटाकर ‘वाई-प्लस’ कर दिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा स्थिति का आकलन करने के बाद उनके वर्गीकृत सुरक्षा कवर को हटा दिया है। उन्होंने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सुरक्षा को बरकरार रखा गया है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके परिवार के सदस्यों, राकांपा अध्यक्ष शरद पवार और उनकी बेटी एवं लोकसभा सदस्य सुप्रिया सुले सहित उनके परिजनों की सुरक्षा बरकरार रखी गई है, वहीं जयंत पाटिल, छगन भुजबल और जेल में बंद अनिल देशमुख जैसे नेताओं की सुरक्षा को वापस ले लिया गया है।
किन -किन नेताओं की सुरक्षा हटा दी गई ?
नेताओं की सुरक्षा पूरी तरह हटा ली गई है उनमें उद्धव ठाकरे के भतीजे और युवा सेना के पदाधिकारी वरुण सरदेसाई, जेल में बंद अनिल देशमुख, राकांपा के छगन भुजबल, जयंत पाटिल, धनंजय मुंडे, नवाब मलिक और नरहरि जिरवाल, कांग्रेस के बालासाहेब थोराट, नितिन राउत, नाना पटोले, सतेज पाटिल, विजय वडेट्टीवार, सुनील केदार, उद्धव ठाकरे के करीबी सहयोगी और शिवसेना नेता संजय राउत, सेना के भास्कर जाधव और डेलकर परिवार तथा असलम शेख, अनिल परब शामिल हैं। शुक्रवार को मीडिया को दी गई जानकारी के मुताबिक अब इन नेताओं को अपने घरों या एस्कॉर्ट के बाहर स्थायी पुलिस सुरक्षा नहीं मिलेगी।