पुणे में 'पाकिस्तान जिंदाबाद' कहने वालों के खिलाफ होगी कार्रवाई : मुख्यमंत्री शिंदे
मुंबई। पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया (पीएफआई) पर एनआईए की छापेमारी के बाद देश के कई राज्यों में पीएफआई के कार्यकर्ता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पुणे में प्रदर्शन कर रहे पीएफआई के कार्यकर्ताओं को पुलिस जब गिरफ्तार करने पहुंची तो उन्होंने ‘पाकिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए। इस मामले में पुलिस ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के संदिग्ध 60-70 कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। कार्यकर्ताओं की ओर से यह प्रदर्शन राष्ट्रीय जांच एजेंसी एएनआई की ओर से पीएफएफ के कई संदिग्ध ठिकानों पर हुई छापेमारी और गिरफ्तारी के विरोध में किया गया था। जिसे सरकार ने गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि पुणे में जिस तरह 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए गए,उसकी निंदा की जानी चाहिए। शिवाजी की जमीन पर इस तरह के नारे बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे। इसके खिलाफ पुलिस उचित कार्रवाई करेगी। उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। फडणवीस द्वारा आंदोलनकारियों पर देशद्रोह का केस दर्ज किए जाने के निर्देह के बावजूद बडगार्डन पुलिस स्टेशन ने इस मामले में समाज में विद्वेष फैलाने का केस दर्ज किया है। एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धारा 109, 120 बी (आपराधिक साजिश), 124 ए (देशद्रोह की सजा), 153 ए और बी (विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत मामला दर्ज किया है। इस मामले में मनसे के प्रमुख राज ठाकरे ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर हिन्दू और मराठी माणूस इस मामले को अपने हाथ में ले लिए तो त्योहार के दौरान अशांति हो जायेगी। इसलिए इन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को तत्काल समाप्त करना बेहतर है। राज ठाकरे ने कहा "अगर उनकी मानसिक स्थिति ऐसी ही है तो अपना धर्म ले लो और पाकिस्तान चले जाओ। हमारे देश में इस तरह के नाटक की अनुमति नहीं दी जायेगी। मैं केंद्र और राज्य सरकार के गृह मंत्रियों से ऐसे संगठनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह करता ताकि वह 'पा' नहीं बोल सके। इस मामले में विपक्षी दलों ने भी नाराजगी जताई है। महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने नारे लगाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि इन्हे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।