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नौ वर्ष में बांग्लादेश में ३७२१ घरों-मंदिरों को बनाया गया निशाना
नौ वर्ष में बांग्लादेश में ३७२१ घरों-मंदिरों को बनाया गया निशाना
ढाका। बांग्लादेश में हिंदुओं के साथ अमानवीय व्यवहार एक बार फिर से खुलकर सामने आ गया है। यहां दुर्गापूजा के दौरान हिंदू मंदिरों में इस कदर तोड़फोड़ की गई कि दंगे भड़क गए। इस दंगे में कई लोगों के मारे जाने और कई लोगों के घायल होने की खबर है। फिलहाल स्थिति को कंट्रोल करने के लिए बांग्लादेश सरकार ने २२ जिलों में अद्र्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी है।
दूसरी तरफ बांग्लादेश में हिंदू विरोधी हिंसा की हालिया घटनाओं से क्रुद्ध मशहूर लेखिका तसलीमा नसरीन ने कहा है कि उनका देश अब ‘जिहादिस्तान' बनता जा रहा है, जहां सरकार अपने सियासी फायदे के लिये मज़हब का इस्तेमाल कर रही है और मदरसे कट्टरपंथी पैदा करने में लगे हैं। बांग्लादेश से २८ वर्ष पहले निष्कासित लेखिका ने दिये साक्षात्कार में कहा कि मैं अब इसे बांग्लादेश नहीं कहती। यह जिहादिस्तान बनता जा रहा है। सभी सरकारों ने अपने राजनीतिक लाभ के लिये धर्म का इस्तेमाल किया। उन्होंने इस्लाम को राजधर्म बना दिया, जिससे वहां हिंदुओं और बौद्धों की स्थिति दयनीय हो गई है। उन्होंने कहा,‘प्रधानमंत्री शेख हसीना को बखूबी पता है कि दुर्गा पूजा के समय हमेशा हिंदुओं पर जिहादियों के हमले का खतरा रहता है तो उनकी सुरक्षा के उपाय क्यों नहीं किये गए?' उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अब दहशत के कारण बचे खुचे हिंदू भी वहां नहीं रहेंगे।
गौरतलब हो कि बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों में और इस्कॉन मंदिर तोड़फोड़ से हिन्दू समुदाय का यहां रहना मुश्किल हो गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार नौ साल में यहां ३७२१ घरों और मंदिरों को कट्टरपंथियों ने निशाना बनाया है। बताया जा रहा है कि २०१४ के बाद से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले जारी हैं। इस साल कट्टरपंथियों ने सबसे अधिक १२०१ घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की। यही नहीं राइट्स ऐक्टिविस्ट्स का कहना है कि असल आंकड़ा इससे भी ज्यादा हो सकता है, क्योंकि मीडिया बड़ी घटनाओं को ही कवर करता है। बीते ९ सालों में सबसे बुरी स्थिति २०१४ में रही है, जब अल्पसंख्यक समुदाय के १,२०१ घरों में उपद्रवियों ने तोड़फोड़ की। इस साल की बात करें तो अब तक कट्टरपंथी तत्वों ने १९६ घंरों, ट्रेडिंग सेंटर्स, मंदिरों और मठों को नुकसान पहुंचाया है। यही नहीं कई जगहों पर देवी-देवताओं की प्रतिमाओं से तोड़फोड़ भी की गई है।
ज्ञात हो कि ढाका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अब्दुल बरकत ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि पिछले ४ दशक से बांग्लादेश से २.३ लाख से ज्यादा लोग पलायन कर चुके हैं। रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश में हिंदुओं के हालात नहीं सुधरे तो २५ साल बाद वहां कोई भी हिंदू नहीं रहेगा। इस समय के हालात को देखते हुए हर कोई देश छोड़कर कहीं और जाना चाहता है। उल्लेखनीय है कि बांग्लादेश में मुस्लिम जनसंख्या १४६.० मिलियन है, जो देश में ९० प्रतिशत आबादी का भाग बनती है। बांग्लादेश का संविधान इस्लाम को राज्य धर्म के रूप में घोषित करता है। बांग्लादेश तीसरा सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश है। मुस्लिम देश के प्रमुख समुदाय हैं और वे बांग्लादेश के सभी आठ विभाजनों में अधिकांश आबादी बनाते हैं।