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फर्जी पुलिस बनकर ठगी करने वाले गैंग के तीन ठगों को गिरफ्तार, जिसमे असली पुलिस (सस्पेंडेड) भी शामिल

फर्जी पुलिस बनकर ठगी करने वाले गैंग के तीन ठगों को गिरफ्तार, जिसमे असली पुलिस (सस्पेंडेड) भी शामिल

मुंबई : मुंबई जिसका पुराना नाम बम्बई (Bombay) था, भारत के महाराष्ट्र राज्य की राजधानी है। वर्ष 2018 में यह दिल्ली के बाद जनगणना की दृष्टि से भारत का दूसरा सबसे बड़ा और विश्व का सातवाँ सबसे बड़ा शहर था। मुंबई विश्व के सर्वोच्च दस वाणिज्यिक केन्द्रों में से एक है। इसी बिच मुंबई में कई चोरी , ठगी और घरफोडी , जैसे अपराध की घटनाए बढ़ती ही गई जिसके चलते मुंबई पुलिस के लिए चुनौती बनती चली गई इसी बीच मुंबई पुलिस ने भी अपराधों को अंकुश लगाना शुरू कर दिया धीरे धीरे मुंबई पुलिस की तुलना स्कॉटलैंड पुलिस से होने लगी। फिर भी मुंबई कई आपराधिक घटनाए रोकने का नाम ही नहीं लेती। रोज नए नए तरीके से ठगी करने की घटनाए सामने आती रहती हैं ज्ञात हो कि मुंबई के कस्तूरबा पुलिस ने फर्जी पुलिस बनकर ठगी करने वाले गैंग के तीन ठगों को गिरफ्तार किया है, जिसमे से 1 आरोपी सस्पेंड पुलिस वाला हैं , ठगों के पास से 4 लाख नगद बरामद किया हैं,  ठग गैंग ने फिर्यादी को 5 करोड़ का लोन पास कराने के लिए 5 लाख लेकर कस्तूरबा पुलिस स्टेशन की हद में रामदेव होटल में मीटिंग के लिए बुलाया , जहा मीटिंग के दौरान ही दोनो आरोपी फर्जी पुलिस बिना ड्रेस के पहुचे और फिर्यादी से 5 लाख रुपये को लेकर पूछताछ करने लगे की ये पैसे कहा से आये और किस काम के लिए आये हैं, दोनो फर्जी पुलिस फिर्यादी को बाहर लेकर गए,  और 5 लाख लेकर फरार हो गये, फिर्यादी कस्तूरबा पुलिस स्टेशन पंहुचा, तो पता चला कि ये पुलिस नही फर्जी पुलिस वाले थे, जिसके बाद कस्तूरबा पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर, कस्तूरबा पुलिस ने डिटेक्शन की 2 टीम बनाकर मामले की जांच सुरु कर दी, जांच के दौरान पुलिस ने सीसीटीवी की मदद से मुख्य आरोपी अजहर सईद पटेल को कोल्हापुर, गणेश वेलवटकर नालासोपारा और रामसिंह डोलगे को दादर से गिरफ्तार किया गया, इन तीनो आरोपियों के पास से ठगी के लाखो नगद बरामद किए,  आरोपियों में रामसिंह डोलगे जो नायगांव पुलिस स्टेशन से सस्पेंड पुलिस वाला है, तो बाकि के आरोपी ठग गैंग के है,  जो ऐसे लोगो की तलाश करते,  जिनको लोन की जरूरत होती और उन्हें लोन के बहाने मीटिंग के दौरान फर्जी पुलिस की रेड करा कर पैसे लेकर फरार हो जाते,  इस ठग गैंग में लोन दिलाने वाले भी इन्ही के लोग होते हैं, और  पुलिस की रेड कराने वाले भी इन्ही के लोग होते है। बरहाल सभी ठग गैंग के सदस्य पुलिस गिरफ्त में हैं। 


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