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वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम पहला दिन विशेष

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम पहला दिन विशेष

कोरोना काल में गरीब धरातल पर तो अमीरों ने छुआ आसमान
मुंबई। 
कोरोना काल में जहां पूरे देश में मजदूर से ले कर ज्यादातर मध्यम स्तर का मानव दो जून की रोटी की व्यवस्था भी कर पाने में पूरी तरह सक्षम नहीं रह पाया। उसे कोरोना काल के दौरान लगे संपूर्ण लॉकडाउन में उधारी-कर्ज या व्याज पर लेकर भरण-पोषण करना पड़ा। वहीं दूसरी तरफ जो देश के शीर्ष सौ धनी व्यक्तियों में से थें, उनकी संपत्ति ने आसमान छू लेने में कोई कमी नहीं छोड़ी।
दरअसल गैर सरकारी संगठन ऑक्सफैम इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार २०२१ में भारत में अरबपतियों की संख्या १०२ से बढ़कर १४२ हो गई। जैसा कि आज वल्र्ड इकोनॉमिक फोरम २०२२ का पहला दिन है। इसी मौके पर ऑक्सफैम इंडिया की तरफ से वार्षिक असमानता सर्वे जारी किया गया है। इसके अनुसार कोरोना काल में भारतीय अरबपतियों की कुल संपत्ति दोगुनी हो गई। इनकी अमीरी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि टॉप-१० अमीरों के पास इतनी दौलत है कि वे देश के सभी स्कूलों और कॉलेजों को अगले २५ सालों तक चला सकते हैं। आंकड़ों के अनुसार देश के ९८ अमीरों के पास देश की ५५.५ करोड़ गरीबों के बराबर दौलत का आकलन किया गया है। टॉप इन दस लोगों से देश के ९८ अमीर परिवारों पर अगर १ प्रतिशत एक्स्ट्रा टैक्स लगाया जाए तो उस पैसे से आयुष्मान भारत प्रोग्राम को अगले सात सालों तक चलाया जा सकता है। यह भी बताया गया है कि आयुष्मान भारत दुनिया का सबसे बड़ा हेल्थ इंश्योरेंस प्रोग्राम है।


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