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सेबी से न्याय जरूर मिलने का है बाबू जॉर्ज वालावी को भरोसा

सेबी से न्याय जरूर मिलने का है बाबू जॉर्ज वालावी को भरोसा

मुंबई। मनुष्य की किस्मत कब चमक जाए यह कोई नहीं कह सकता। इसी तरह का मामला देखने को मिला पिछले दिनों केरल में कोच्चि के बाबू जॉर्ज वालावी के साथ। दरअसल बाबू ने दावा करते हुए कहा कि ४३ साल पहले १९७८ में मेवाड़ ऑयल एंड जनरल मिल्स लिमिटेड के ३५०० शेयर्स खरीदे थे। ये उस समय राजस्थान
के उदयपुर की एक अनलिस्टेड कंपनी थी। बाबू २.८ प्रतिशत स्टेक होल्डर बन गए। कंपनी के संस्थापक चेयरमैन पीपी सिंघल और बाबू दोस्त थे। कंपनी अनलिस्टेड थी और कोई डिविडेंड नहीं दे रही थी, इसलिए ये परिवार अपने निवेश के बारे में भूल गया। २०१५ में उन्होंने इस निवेश को याद किया और पड़ताल की। बताया गया है कि जिसकी कीमत अब १,४४८ करोड़ रुपए हो गई है, लेकिन अब कंपनी उन्हें पैसे नहीं देना चाहती। ७४ वर्षीय बाबू और उनके परिवार के सदस्य मामले को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास ले गए हैं और दावा किया है कि कंपनी के शेयर्स के असली मालिक वे हैं और कंपनी उन्हें रकम देने में आना-कानी कर रही है। बाबू ने उम्मीद जताई कि उन्हें सेबी से न्याय जरूर मिलेगा। पड़ताल में बाबू को पता चला कि कंपनी ने नाम बदलकर पीआई इंडस्ट्रीज कर लिया है और ये लिस्टेड कंपनी बन गई है। बाबू ने अपने शेयर्स को डीमैट अकाउंट में बदलने की कोशिश की और एक एजेंसी से संपर्क किया। एजेंसी ने बाबू को सीधे कंपनी से संपर्क करने को कहा। कंपनी ने बाबू को बताया कि वो कंपनी के हिस्सेदार नहीं है और उनके शेयर्स १९८९ में किसी और को बेच दिए गए थे।


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