भिवंडी के मनपा स्कूलों में नहीं हैं टाटपट्‌टी, जमीन पर विद्यार्थी बैठने को मजबूर

भिवंडी के मनपा स्कूलों में नहीं हैं टाटपट्‌टी, जमीन पर विद्यार्थी बैठने को मजबूर

भिवंडी : प्रशासन की ओर से सरकारी स्कूलों में व्यवस्थाएं सुधारने को लेकर कई प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन आज भी कई स्कूलों में छात्रों को बेहतर शिक्षा के साथ अन्य सुविधाएं नहीं मिल सकी हैं। वर्तमान स्थिति पर ध्यान दिया जाए  सरकारी स्कूलों में बच्चों को बैठने तक की सुविधा नहीं है। स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थी टाटपट्‌टी की बजाय जमीन पर बैठने के लिए मजबूर हैं। भिवंडी मनपा द्वारा संचालित प्राथमिक स्कूलों में संसाधनों का काफी अभाव है। अधिकांश स्कूलों में विद्यार्थियों को पीने के लिए पानी, बैठने के लिए बेंच एवं शौचालय आदि की व्यवस्था भी नहीं है। 842 करोड़ रुपये से अधिक बजट वाली मनपा के स्कूलों में विद्यार्थी उखड़ी टाइल्स वाले क्लास रूम्स में बोरे बिछाकर बैठने को मजबूर हैं। ये बोरे भी वे घर से लेकर आते हैं। बेंच की बात तो छोड़ ही दें, इनके लिए टाटपट्टी भी मयस्सर नहीं है।

वहीं शहर के शांतिनगर में पुलिस चौकी के पास एक इमारत में दो पालियों में 13 स्कूल चल रहे हैं। इनमें स्कूल क्रमांक दो और 42 मराठी माध्यम के स्कूल हैं, जिनकी हालत कुछ ठीक है।मनपा के आर्थिक बजट में शिक्षा के लिए 51.29 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।बजट में स्कूलों के लिए बेंच खरीदने के लिए 50 लाख रुपये, पानी की टंकी के लिए 10 लाख रुपये एवं नई इमारत के लिए एक करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। स्थानीय विधायक का कहना है कि पिछले ढाई वर्षों में मनपा के स्कूलों के लिए 10 करोड़ से अधिक का अनुदान उपलब्ध कराया है। इसकी शिकायत उन्होंने मनपा आयुक्त के साथ हुई बैठक में की है।

भिवंडी महानगरपालिका के आयुक्त विजय कुमार म्हसाल ने कहा कि विभाग को जल्द से जल्द बेंच बनाने और उसकी व्यवस्था करके स्कूलों में उपलब्ध कराने का निरदेश दे दिया गया है। : विजय कुमार म्हसाल,(भिवंडी मनपा आयुक्त)


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